स्वाइन फ्लू से अब तक 250 लोगों की मौत, राजस्थान में मरने वालों की संख्या पहुंची 100 के पार

देश में स्वाइन फ्लू इस साल अब तक 250 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है.  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश भर में राजस्थान में सबसे ज्यादा मौते हुई हैं

खास बातें

  • तमाम कोशिशों के बाद काबू में नहीं आ रहा स्वाइन फ्लू
  • राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंची
  • स्वाइन फ्लू से मौत के मामले में गुजरात दूसरे नंबर पर
नई दिल्ली:

राजस्थान में स्वाइन फ़्लू से मरने वालों की तादाद इस साल 100 के पार हो गई है. तमाम कोशिशों के बावजूद बीमारी अब तक काबू में नहीं आ रही. एक ही दिन में इसके सौ नए मामले सामने भी आ गए. एक ही दिन में राजस्थान में एक सौ स्वाइन फ्लू के केस सामने आये है और सरकार घर-घर जा के जांच में जुटी है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है स्वाइन फ्लू की जांच. पूरे प्रदेश में सिर्फ 12 जगह इसके जांच होती है और अब सरकर जल्द से जल्द और ज़्यादा स्वाइन फ्लू के जांच केंद्र खोलने पर काम कर रही है. साथ ही जो मौतें हुई है उसमें सरकार का कहना है 70 प्रतिशत ऐसे केस हैं जिनमें मरीजों को पहले से कोई और बीमारी भी थी. 

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देश में स्वाइन फ्लू इस साल अब तक 250 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है.  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश भर में राजस्थान में सबसे ज्यादा मौते हुई हैं और बृहस्पतिवार तक 2,706 मामले सामने आए हैं. इसके बाद गुजरात में 54 मौतें हुईं और 1,187 मामले सामने आए हैं. पंजाब में इस बीमारी की वजह से 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 301 मामले सामने आ चुके हैं, महाराष्ट्र में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 197 मामले सामने आए हैं. दिल्ली 28 जनवरी तक स्वाइन फ्लू के मामले में 28 जनवरी तक राजस्थान और गुजरात के बाद तीसरे स्थान पर था. लेकिन अब स्वाइन फ्लू के 1,406 मामलों के साथ यह दूसरे स्थान पर है.

 

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दिल्ली में अब तक छह लोगों की मौत हुई है. हरियाणा और तेलंगाना में क्रमश: स्वाइन फ्लू के 589 और 390 मामले दर्ज किए गए हैं और इस बीमारी की वजह से दोनों राज्यों में दो लोगों की मौत हुई है. स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर निगरानी बढ़ाने को कहा है और इस बीमारी से निपटने के लिए अस्पतालों में बेड रिजर्व रखने को कहा गया है. इंफ्लुएंजा के टीकाकरण के लिए दिशानिर्देश और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से प्रदान किए गए टीकों के उत्पानदकर्ताओं का विवरण सभी राज्यों के साथ साझा किया गया है. 

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जानिए क्‍या है स्‍वाइन फ्लू 
इंफ्लूएंजा ए स्‍वाइन फ्लू वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ द्वारा संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. स्‍वाइन फ्लू असल में एक वायरस है जो संक्रमण से फैलता है. यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. यह वायरस बड़ी बहुत तेजी से फैलता है. 

स्वाइन फ्लू: कारण, उपचार और इस बीमारी से बचने के उपाय

इस बीमारी के लक्षण मौसमी बुखार के जैसे ही होते हैं, जिसे वायरल बुखार भी कहा जाता है. इसके लक्षणों में खांसी, गले में खराश और शरीर में दर्द शामिल है. यदि आप बीमार हैं या फ्लू जैसे कोई लक्षण हैं, तो घर पर रहें. स्कूल या काम पर न जाएं. 

ये टिप्स आपको स्वाइन फ्लू से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं:

  • जब भी खांसी या छींक आए तो अपना हाथ हमेशा चेहरे पर रखें या चेहरा ढंक लें. यह कीटाणुओं को आपके हाथों में स्थानांतरित नहीं करेगा और फिर आपके द्वारा स्पर्श की जाने वाली प्रत्येक वस्तु तक इंफेक्‍शन नहीं फैलेगा. 
  • लगातार हाथ धोने से स्वाइन फ्लू से बचने में मदद मिल सकती है.
  • अपने पास हैंड सैनिटाइजर रखें. जब आप किसी से हाथ मिलाएं या दरवाजे के हैंडल, कीबोर्ड या किसी की टेबल को छूएं, तो हमेशा हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें.
  • सुनिश्चित करें कि आप फलों और सब्जियों को पानी से धो रहे हों. 
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. अगर आप भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाते हैं, तो फ्लू मास्क पहनें.
  • स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण विकसित होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें.
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