मॉनसून सत्र के दौरान 167% रही उत्पादकता, 37 घंटे की जगह 60 घंटे चला सदन : लोक सभा स्पीकर

ओम बिरला ने कहा, 'कृषि से जुड़े बिलों पर लोक सभा ने  5 घंटे 36 मिनट तक चर्चा की. जिस बिल के पक्ष में बहुमत होता है वो बिल लोकसभा में पास हो जाता है.' 

मॉनसून सत्र के दौरान 167% रही उत्पादकता, 37 घंटे की जगह 60 घंटे चला सदन : लोक सभा स्पीकर

नई दिल्ली:

Lok Sabha Speaker Om Birla :  कोरोना काल में आयोजित किए गया संसद का मॉनसून सत्र बुधवार 23 सितंबर को तय समय से पहले ही समाप्त हो गया. लेकिन संसद के इस सत्र की उत्पादकात 167 प्रतिशत रही. शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद के मॉनसून सत्र पर मीडिया से बात करते हुए कहा,  'मॉनसून सत्र के दौरान उत्पादकता 167 प्रतिशत रही. हमने 37 घंटे अलॉट किए थे, लेकिन सदन 60 घंटे चला.'

लोकसभा स्पीकर ने आगे कहा, 'संसद के 100 साल हो रहे हैं, बहुत शीघ्र ही हम नया भवन बनाने जा रहे हैं. टेंडर हो चुका है, 892 करोड़ के बजट का अनुमान था. 21 महीने में नई बिल्डिंग का निर्माण पूरा होगा. 2022 में पार सेशन नए भवन में
होगा इसकी संभावना है.'

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ओम बिरला ने कहा, 'कृषि से जुड़े बिलों पर लोक सभा ने  5 घंटे 36 मिनट तक चर्चा की. जिस बिल के पक्ष में बहुमत होता है वो बिल लोकसभा में पास हो जाता है.' 

आपको बता दें कि दस दिन चले सत्र में 25 विधेयक पारित किए गए तथा कई अन्य रिकॉर्ड भी बने. 23 सितंबर को सत्रहवीं लोकसभा के चौथे सत्र के समापन अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान भी इस सत्र में सदन की कार्य उत्पादकता 167 प्रतिशत रही है जो अन्य सत्रों की तुलना में अधिक है. इस उपलब्धि के लिए आप सभी माननीय सदस्य बधाई के पात्र हैं.

लोकसभा सत्र के आंकड़ों को देखें तो मानसून सत्र की उत्पादकता 167 प्रतिशत रही. इससे पूर्व आठवीं लोकसभा के तीसरे सत्र में कार्य उत्पादकता 163 प्रतिशत रही थी. सत्र के दौरान 21 सितंबर को 234 प्रतिशत उत्पादकता रही जो लोकसभा के इतिहास में किसी एक दिन में सर्वाधिक है. यह पहली बार हुआ जब सत्र के दौरान कोई अवकाश नहीं था. रविवार और सोमवार को दो दिन तक सदन ने देर रात 12.30 बजे तक काम किया. 

कुल 10 बैठकों में 37 घंटे के कार्य के स्थान पर 60 घंटे काम हुआ जो निर्धारित समय से डेढ़ गुना से भी अधिक है. सत्र के दौरान विधायी कार्यों को 68 प्रतिशत तथा अन्य कार्यों को 32 प्रतिशत समय दिया गया. सत्र के दौरान 16 विधेयक पुनर्स्थापित किए गए तथा 25 विधेयक पारित किए गए.


 

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