यह ख़बर 18 मार्च, 2014 को प्रकाशित हुई थी

1962 की हार के लिए नेहरू सरकार की नीति जिम्मेदार : रिपोर्ट

नई दिल्ली:

ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार द्वारा हासिल की गई एक शीर्ष गोपनीय रिपोर्ट में 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में भारत की अपमानजनक पराजय के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार और तत्कालीन सैन्य नेतृत्व की 'आगे बढ़ने की नीति' को जिम्मेदार ठहराया गया है।

हेंडर्सन ब्रुक्स रिपोर्ट को अभी भी आधिकारिक तौर पर गुप्त रख गया है। इस रिपोर्ट में 'आगे बढ़ने की नीति' और उसका पालन करने वाली सेना में गंभीर खामियों की बात कही गई है, क्योंकि सेना के पास इसके लिए जरूरी साधन उपलब्ध नहीं थे। रक्षा पत्रिका इंडियन डिफेंस रिव्यू ने रिपोर्ट के कुछ हिस्से को अपनी वेबसाइट पर जारी किया है। इससे पहले रिपोर्ट को ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार नेविले मैक्सवेल ने जारी किया था।

हेंडर्सन ब्रुक्स रिपोर्ट 1962 के युद्ध की भारतीय सेना के अधिकारियों लेफ्टिनेंट जनरल हेंडर्सन ब्रुक्स और ब्रिगेडियर पी एस भगत द्वारा किया गया विश्लेषण है, जो कि उस समय भारतीय सैन्य अकादमी से संबंधित थे। रिपोर्ट में तत्कालीन राजनीतिक और सैन्य ढांचे की आलोचना की गई है। यह रिपोर्ट को शीर्ष गोपनीय दस्तावेज की श्रेणी में रखा गया था और सरकार इसे सार्वजनिक करने की मांग को पिछले साल तक खारिज करती रही है।

मैक्सवेल ने युद्ध की व्यापक रिपोर्टिंग की थी और उन्होंने हेंडर्सन ब्रुक्स रिपोर्ट के कुछ हिस्से को अपनी वेबसाइट पर जारी किया था। रक्षा मंत्रालय ने प्रकाशित रिपोर्ट पर कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से परहेज किया। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, 'रिपोर्ट की अत्यंत संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए यह दोहराया जाता है कि सरकार ने उसे शीर्ष गोपनीय दस्तावेज करार दिया है। इसलिए नेविले मैक्सवेल द्वारा वेब पर डाली गई सामग्री पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।'

हेंडर्सन रिपोर्ट में तत्कालीन सरकार, सेना और गुप्तचर एजेंसियों की अपनी धारणा इस विचार पर आधारित करने के लिए आलोचना की गई है कि चीनी युद्ध को बढ़ावा नहीं देंगे जबकि सैन्य तरीके से उन्हें इसके 'बिल्कुल विपरीत' सोचना चाहिए था। रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे बढ़ने की नीति में चीन के दावे वाले क्षेत्रों में सैन्य चौकियां बनाने तथा आक्रामक गश्त शुरू करने की बात कही गई थी। इससे संघर्ष की संभावना बढ़ गई। रिपोर्ट के अनुसार भारत इसे क्रियान्वित करने के लिए सैन्य रूप से सक्षम नहीं था।

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भाजपा और कांग्रेस रिपोर्ट की सामग्री को लेकर एकदूसरे से भिड़ गए। मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने कांग्रेस पर यह कहते हुए हमला किया कि उसने तब भी सुरक्षा के साथ समझौता किया और वह अभी भी वही कर रही है। वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि वह लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर 'घटिया राजनीति' कर रही है।