नई दिल्ली: भ्रष्टाचार और अन्य मामलो में लिप्त 22 वरिष्ठ कर अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अखबार से कहा था कि कर विभाग में कुछ लोग ठीक नहीं है. ऐसा ही एक फैसला जून महीने में लिया गया था कि 27 हाई रैंक वाले भारतीय राजस्व अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया था, इनमें केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के 12 अधिकारी शामिल थे. इनका भ्रष्टाचार मामले में नाम आने के बाद यह फैसला लिया गया था.
सूत्रों के मुताबिक जिन 22 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है, उनमें केके उकई, एसआर पराते, कैलाश वर्मा, केसी मंडल, एमएस डमोर, आरएस गोगिया, किशोर पटेल, जेसी सोलंकी, एसके मंडल, गोविंद राम मालवीय, एयू छापरगारे, एस अशोकाराज, दीपक एम गनेयन, प्रमोद कुमार, मुकेश जैन, नवनीत गोयल, अचिंत्य कुमार प्रमाणिक, वीके सिंह, डीआर चतुर्वेदी, डी अशोक, लीला मोहन सिंह और वीपी सिंह शामिल हैं.
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ये अधिकारी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, मेरठ और चेन्नई टैक्स यूनिट से जुड़े हुई थे. उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों में कुछ हजार रुपये से लेकर लाखों तक की रकम की रिश्वत मांगने के आरोप शामिल हैं. उनमें से एक पर कथित रूप से दुबई से दिल्ली हवाई अड्डे पर 1224 ग्राम सोना लेकर आए एक युवक से 58 ग्राम सोना लेने का आरोप है.
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