यह ख़बर 23 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

2जी : जोशी पर उठी उंगली, कांग्रेस का पलटवार

खास बातें

  • कैग के एक पूर्व अधिकारी ने यह दावा कर राजनीतिक खेमे में हलचल मचा दी है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता व संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में राजस्व को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का आकलन करने वाली सीएजी की रिपोर्
नई दिल्ली:

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के एक पूर्व अधिकारी ने यह दावा कर राजनीतिक खेमे में हलचल मचा दी है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में राजस्व को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का आकलन करने वाली सीएजी की रिपोर्ट को प्रभावित करने का प्रयास किया।

जोशी और सीएजी ने जहां इस दावे को खारिज किया है, वहीं कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर पलटवार किया है। वामपंथी दलों ने भी इस पर जोशी से स्पष्टीकरण मांगा है।

सीएजी में डाक एवं दूरसंचार विभाग के पूर्व महानिदेशक आरपी सिंह ने 2जी पर सीएजी की रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए थे, जिसमें राजस्व को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान जताया गया है। एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में सिंह ने गुरुवार को दावा किया था कि 2जी रिपोर्ट जारी होने से एक दिन पहले जोशी ने सीएजी के अधिकारियों से बातचीत की थी। उन्होंने यह भी कहा कि पहले आओ, पहले पाओ की नीति से सरकार को केवल 37,000 करोड़ का नुकसान हुआ था और इसे प्राप्त किया जा सकता था।

सीएजी के पूर्व अधिकारी के इस दावे ने पिछले काफी समय से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष के कड़े तेवरों का सामना कर रही कांग्रेस को विपक्षी दल भाजपा पर पलटवार करने का हथियार दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि आरपी सिंह के दावे से भाजपा 'बेनकाब' हो गई है।

वहीं, पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने कहा, "सीएजी के पूर्व अधिकारी ने जोशी के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाए हैं। उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।" केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की बात कही। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास ने कहा, "आरपी सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों ने सीएजी की स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं। यह राजनीति के लिए अच्छा नहीं है।"

वामपंथी दलों ने भी इस मुद्दे पर सीएजी और जोशी से स्पष्टीकरण मांगा।

जोशी ने हालांकि खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह सीएजी को बदनाम करने की सरकार की कोशिश है। सिंह के दावों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "इस व्यक्ति (सिंह) ने स्वयं पीएसी के समक्ष रिपोर्ट पेश की। उस वक्त उन्होंने क्यों नहीं कहा था कि वह रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं। यह सीएजी की छवि धूमिल करने का सरकार का प्रयास है और आर. पी. सिंह इसका हिस्सा हैं।"

भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने भी सवाल किया कि सिंह सितम्बर 2011 में ही अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। फिर उन्होंने सेवानिवृत्ति के एक साल बाद इस मामले का खुलासा क्यों किया? उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह कांग्रेस एवं केंद्र सरकार के हाथों खेल रहे हैं।

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सीएजी ने भी सिंह के दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेगा। संस्था के एक अधिकारी ने कहा, "हम अपनी रिपोर्ट को लेकर मीडिया की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करते।" उन्होंने यह भी कहा कि जिस रिपोर्ट को लेकर आरपी सिंह ने सवाल उठाए हैं, उस पर स्वयं उनके हस्ताक्षर हैं।