यह ख़बर 28 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

2जी घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज गायब : सीबीआई

खास बातें

  • जांच एजेंसी ने पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत याचिका के विरोध में पेश अपने जवाब में यह खुलासा किया।
New Delhi:

केंद्रीय जांच ब्यूरो :सीबीआई: ने अदालत को बताया है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज दूरसंचार विभाग से गायब हैं। सीबीआई ने जिन दस्तावेजों की बाबत यह सूचना दी, वे किसी दूरसंचार कंपनी से संबंधित हैं और इनसे घोटाले के सिलसिले में अहम सबूत जुटाए जा सकते हैं। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए एक कंपनी की ओर से दूरसंचार विभाग को दिए गए दस्तावेज, जिनके आधार पर दूरसंचार कंपनियों की प्राथमिकता तय की गयी थी, के बारे में पता चला है कि वे पता लगाए जाने योग्य नहीं हैं और अब तक उनका अता-पता नहीं चल सका है। जांच एजेंसी ने पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत याचिका के विरोध में पेश अपने जवाब में यह खुलासा किया। बेहुरा को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के साथ बीती दो फरवरी को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने यह कहकर भी जमानत याचिका का विरोध किया कि कुछ और दस्तावेजों का पता अब भ लगाना बाकी है। 2जी घोटाले में बेहुरा की कथित भूमिका का ब्योरा देते हुए सीबीआई ने कहा कि राजा और बेहुरा ने लोक सेवकों के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड की पात्रता की शर्तों की जांच से जुड़े दस्तावेजों को मंजूरी प्रदान की थी । सीबीआई ने कहा लोक सेवकों के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग और स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड की पात्रता शर्तों की जांच के लिए संबंधित वर्गों की ओर से उठाए गए गंभीर मुद्दों की अनदेखी कर राजा और बेहुरा ने नौ जनवरी 2008 को बेईमानी से फाइल को हरी झंडी दिखा दी ताकि स्वान को 13 दूरसंचार क्षेत्रों के लिए मंशा पत्र जारी कर दिए जाएं । केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदौलिया और दूसरों के साथ साजिश कर बेहुरा ने मंशा पत्र के वितरण और दूरसंचार विभाग की प्रतिक्रिया के प्रबंध किए थे जो मनमाने और अनुचित तरीके से किया गया।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com