नोटबंदी के बाद छह मुख्‍यमंत्री करेंगे केंद्र की सहायता, लेकिन नीतीश कुमार नहीं...

नोटबंदी के बाद छह मुख्‍यमंत्री करेंगे केंद्र की सहायता, लेकिन नीतीश कुमार नहीं...

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का फाइल फोटो...

खास बातें

  • इस 13 सदस्य समिति के अध्यक्ष आंध्र प्रदेश सीएम चंद्रबाबू नायडू होंगे.
  • हालांकि इस टीम में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार नहीं हैं...
  • समिति डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर रूख करने के लिए आवश्यक कदमों को सुझाएगी.
नई दिल्‍ली:

केंद्र सरकार ने देश में डिजिटल भुगतान प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्रियों की एक समिति गठित की है. इस समिति में 13 सदस्य हैं और इसके अध्यक्ष आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू होंगे. यह समिति पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने, वित्तीय समावेशन और इस संबंध में एक रोडमैप तैयार करने का काम करेगी.

इस समिति में नायडू के अलावा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग, पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हैं. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी इस समिति के सदस्य हैं.

हालांकि इस टीम में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार नहीं हैं, जिन्‍हें वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने फोन कर समिति में अपनी सेवाएं देने को कहा था. नीतीश कुमार केवल प्रमुख विपक्षी नेता हैं, जिन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का उत्साह से समर्थन किया, जिससे उनके सहयोगी दल भी खफा हुए. सूत्रों ने बताया कि समिति में शामिल होने से उनकी गठबंधन सरकार में तीव्र विचार-विभिन्नता पैदा हो सकती हैं.

विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलेकणि, बोस्टन कंसल्टिंग समूह के चेयरमैन जनमेजय सिन्हा, नेटकोर के प्रबंध निदेशक राजेश जैन, आईस्पिरिट के सह-संस्थापक शरद शर्मा और भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में वित्त के प्रोफेसर जयंत वर्मा इस समिति में विशेष आमंत्री होंगे.

अधिकारियों के अनुसार यह समिति डिजिटल भुगतान प्रणाली को लागू करने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सर्वश्रेष्ठ मॉडल की पहचान करेगी और इन वैश्विक मानकों को भारतीय संदर्भ में अपनाने की संभावनाओं पर विचार करेगी. इसके अलावा समिति डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड, डिजिटल वालेट, इंटरनेट बैंकिंग, एकीकृत भुगतान इंटरफेस, बैंकिंग एप इत्यादि डिजिटल भुगतान माध्यमों के तेजी से विस्तार और अपनाने पर भी विचार करेगी और एक साल में इस कार्य को लागू करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी.

ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था के फायदों के बारे में उन्हें जागरूक बनाने के लिए इसे एक कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए. साथ ही इसे राज्यों में वित्तीय लेनदेन के लिए डिजिटल माध्यमों को अपनाने के लिए प्रशासन के लिए भी एक रूपरेखा तैयार करनी होगी.

यह उच्च स्तरीय समिति डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर रूख करने के लिए आवश्यक कदमों को सुझाएगी साथ ही इसके रास्ते की रूकावटों की पहचान और उनका समाधान भी मुहैया कराएगी.

यह समिति देश को डिजिटल भुगतान अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सुझाए गए कदमों को क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण संबद्ध पक्षों को भी जोड़ेगी और इस मामले में अधिकारियों की समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर यह रूपरेखा और इन्हें लागू करने के उपाय तय करेगी. यह अन्य मामलों की जांच करेगी और उनका समाधान करेगी. (इनपुट भाषा से भी)


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