यह ख़बर 06 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बांग्लादेश में हिंसा : सात की मौत, पुलिस ने की प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई

खास बातें

  • बांग्लादेश में हिंसक संघर्षों में सात लोगों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने के बाद हजारों की तादाद में विरोध-प्रदर्शन कर रहे इस्लामी प्रदर्शनकारियों पर रविवार रात पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों ने कार्रवाई की और उन्हें तितर-बितर कर दिया।
ढाका:

बांग्लादेश में हिंसक संघर्षों में सात लोगों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने के बाद हजारों की तादाद में विरोध-प्रदर्शन कर रहे इस्लामी प्रदर्शनकारियों पर रविवार रात पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों ने कार्रवाई की और उन्हें तितर-बितर कर दिया।

रात लगभग 10,000 दंगारोधी पुलिस, एंटी-क्राइम रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी) ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए एक संयुक्त अभियान चलाया।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, मोतीझील इलाका हमारे नियंत्रण में है। हिफाजत-ए-इस्लामी ने इलाका छोड़ दिया है। आरएबी के एक अधिकारी ने कहा, हमने रविवार को तीन शव बरामद किए। इसके बाद रात जब हमने मोतीझील में हिफाजत-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं के इलाके में छापेमारी की तो वहां चार और शव मिले जिन्हें कपड़ों में लपेटकर रखा गया था।

शवों को बाद में पोस्टमार्टम के लिए सरकारी ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुर्दाघर भेज दिया गया। नवगठित हिफाजत-ए-इस्लामी अपनी 13 सूत्री मांगों के लिए आवामी लीग सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘ढाका की घेरेबंदी’ की थी। उनकी मांगों में इस्लाम और पैगंबर का अपमान करने वालों को सजा देने के लिए ईशनिंदा कानून लागू करने की मांग शामिल है। सत्तारूढ़ आवामी लीग के मुख्यालय के पास बंगबंधु एवेन्यू में उस समय कम से कम 15 देसी बमों में विस्फोट किए गए जब हिफाजत-ए-इस्लामी के कई जुलूस मोतीझील में चल रहे समूह की रैली में शामिल होने जा रहे थे।

बंगबंधु एवेन्यू में संघर्ष शुरू हो गया और देखते ही देखते आसपास के इलाकों में फैल गया। स्थानीय सरकार के मंत्री और आवामी लीग के महासचिव सैयद अशरफुल इस्लाम ने इस्लामियों से कहा, अपनी रैली के बाद तत्काल ढाका छोड़ें नहीं तो आपके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की यह चेतावनी प्रधानमंत्री शेख हसीना और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ, संघर्षों को लेकर हुई बैठक के बाद आई।

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वहीं चुनाव व्यवस्था को लेकर सरकार विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रही मुख्य विपक्षी पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने एक बयान जारी कर पार्टी नेताओं से ‘इस्लाम की रक्षा करने’ के अभियान में हिफाजत-ए-इस्लामी का साथ देने के लिए कहा है। बहरहाल, देश में राजनीतिक तनाव तब और बढ़ गया जब आवामी लीग ने कहा कि उनके कार्यकर्ता भी हिफाजत-ए-इस्लामी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए आज सड़कों पर उतरेंगे।