पंजाब में पिछले डेढ़ महीने में एक दर्जन कपास किसानों ने की ख़ुदकुशी

पंजाब में पिछले डेढ़ महीने में एक दर्जन कपास किसानों ने की ख़ुदकुशी

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चंडीगढ़:

पंजाब में कपास की फसल पर सफ़ेद मक्‍खी के हमले पर बेअसर नक़ली कीटनाशक से तबाह अब तक एक दर्जन किसानों ने पिछले डेढ़ महीने के दौरान ख़ुदकुशी कर ली है। सरकार के रवैये से नाराज़ किसान संगठन 7 और 8 अक्टूबर को प्रदेश में रेल चक्का जाम करने की तैयारी में हैं।

15 साल की करमजीत कौर के आंसू सूख गए हैं। पिछले दो दिनों से घर में किसी ने उसकी आवाज़ नहीं सुनी है। कपास की फसल तबाह होने से परेशान रविवार को उसके पिता 42 साल के सुखमिंदर सिंह ने गांव बहमन दीवाना में पहले कीटनाशक पीया और फिर खेतों में जाकर फांसी लगा ली। घर में मातम पसरा है, लेकिन बुज़ुर्गों को अब ये चिंता खाए जा रही है कि 3 लाख रुपये का क़र्ज़ कैसे अदा होगा।

बठिंडा में अब तक 10, मानसा और बरनाला में एक-एक किसान की ख़ुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं। बादल सरकार ने 8 हज़ार रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा तय किया है, लेकिन अगस्त के दूसरे पखवाड़े से शुरू हुआ कपास किसानों की ख़ुदकुशी का सिलसिला थम नहीं रहा।

भारतीय किसान यूनियन के बलबीर सिंह राजेवाल कहते हैं कि ज़्यादातर किसानों को ज़मीन ठेके पर लेनी पड़ती है जो 40 हज़ार रुपये प्रति एकड़ है। इस तरह 20 हज़ार रुपये का तो सीधे-सीधे नुकसान हो गया, बाकी बीज का तीन-साढ़े तीन हज़ार रुपया, कीटनाशक, फ़र्टिलाइज़र का खर्च सो अलग। 8 हज़ार रुपये किसी लिहाज़ से पूरे नहीं पड़ते।

सफ़ेद मक्खी कीट से पंजाब में कपास के 11 लाख एकड़ रकबे में करीब 60 फीसदी फसल तबाह हुई है। लेकिन किसानों को सिर्फ 600 करोड़ रुपये का पैकेज देकर बादल सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल कहते हैं कि उनकी अकाली-बीजेपी सरकार हर वक़्त किसानों की मदद करती है। पहले हमारी सरकार ने गन्‍ना किसानों के लिए 700 करोड़ रुपये दिए जबकि देनदारी मिल मालिकों की थी, और फिर 600 करोड़ रुपये कपास के किसानों को दे रहे हैं। मुआवज़ा नुकसान के हिसाब से तय किया जा रहा है।

वहीं विपक्ष क़र्ज़ माफ़ी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा कहते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने किसानों का 70 हज़ार रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया था। मैं बादल साहब से अपील करता हूं कि हम दोनों मोदी जी के घर के बाहर आमरण अनशन पर बैठते हैं और किसानों का क़र्ज़ माफ़ करवाते हैं।

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किसानों की बर्बादी के लिए नक़ली कीटनाशक की सप्लाई ज़िम्मेदार है, ये बात बादल सरकार कबूल कर चुकी है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक सिर्फ कुछ डीलर और कृषि महकमे के निदेशक मंगल सिंह संधू के खिलाफ कार्रवाई हुई है। जबकि सरकार अपने कृषि मंत्री तोता सिंह को पाक साफ़ बता रही है।