टीपू जयंती पर रोक के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा किसान, कल होगी सुनवाई

टीपू जयंती पर रोक के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा किसान, कल होगी सुनवाई

खास बातें

  • कर्नाटक हाईकोर्ट इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा.
  • टीपू ने बड़े पैमाने पर मालाबार इलाके में धर्म परिवर्तन कराया- RSS का आरोप
  • संघ परिवार सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले का विरोध करता है.
बेंगलुरु:

कुर्ग के एक किसान की तरफ से एक याचिका कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर की गई है, जिसमें अपील की गई है कि 10 नवंबर को होने वाले टीपू जयंती समारोह पर रोक लगाई जाए. कर्नाटक हाईकोर्ट इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा.

दरअसल, कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की तरफ से पिछले साल पहली बार टीपू जयंती मनाने का फैसला किया गया था. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पहल पर पहले समारोह के दौरान कुर्ग में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें दो लोगों की जान चली गई थी.
आरएसएस का आरोप है कि टीपू ने बड़े पैमाने पर मालाबार इलाके में धर्म परिवर्तन कराया था, ऐसे में टीपू जयंती नहीं मनाई जानी चाहिए.

आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख वी. नागराज ने कहा कि अंग्रेज़ों और मुस्लिम इतिहासकारों ने इसका वर्णन किया है कि टीपू ने बड़े पैमाने में हिंदुओं और ईसाईयों का धर्म परिवर्तन किया. इतना ही नहीं वो एक निरंकुश शासक था. ऐसे में संघ परिवार सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले का विरोध करता है.

वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि इस बार भी टीपू जयंती पिछली बार की तरह 10 नवम्बर को मनाया जाएगी. वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि आरएसएस के इशारे पर कांग्रेस नहीं चलेगी. जब आरएसएस गोडसे दिवस मना सकती है तो टीपू सुल्तान दिवस मनाने में क्या हर्ज है?.


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