सांसदों और विधायकों को बतौर वक़ील प्रैक्टिस न करने देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका

इस याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वह सांसदों और विधायकों को बतौर वकील कोर्ट में प्रैक्टिस करने की अनुमति ना दें.

सांसदों और विधायकों को बतौर वक़ील प्रैक्टिस न करने देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में सांसदों और विधायकों को लेकर एक और याचिका दायर की गई है. इस याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि वह सांसदों और विधायकों को बतौर वकील कोर्ट में प्रैक्टिस करने की अनुमति ना दें. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर बार कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया को नोटिस जारी किया. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट बार काउंसिल से जानना चाहती है कि नियम क्या कहता है.

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इस मामले में उच्चतम न्यायालय में 23 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी. दरअसल, अश्वनी उपाधयाय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सासंदों, विधायकों को बतौर वक़ील कोर्ट में प्रैक्टिस करने से रोक की मांग की है. अश्विनी उपाध्याय की याचिका के मुताबिक बार काउंसिल के नियमों के मुताबिक कहीं से वेतन पाने वाला कोई भी व्यक्ति वकालत नहीं कर सकता. ऐसा इसलिए भी क्योंकि वकालत पूर्ण कालिक पेशा है.

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ऐसे में सांसद और विधायक जब सरकारी खजाने से वेतन और भत्ते लेते हैं तो कोर्ट में प्रैक्टिस कैसे कर सकते हैं. अश्विनी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि जब तक कोई भी सांसद या विधायक के पद पर है तब तक उसकी वकील के रूप में प्रैक्टिस पर पाबंदी लगनी चाहिए.

VIDEO: केंद्र ने दायर की अर्जी.


सांसद या विधायक के तौर पर शपथ लेते ही उसका लाइसेंस तब तक सस्पेंड कर देना चाहिए जब तक वो सांसद या विधायक रहता है.


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