बैंक खाता खोलने और 50 हजार या उससे अधिक के लेन-देन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य

सरकार ने आज (शुक्रवार) एक अहम ऐलान किया है. बैंक खाता खोलने तथा 50,000 रुपये या उससे अधिक के वित्तीय लेन-देन के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है.

बैंक खाता खोलने और 50 हजार या उससे अधिक के लेन-देन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य

खास बातें

  • 31 दिसंबर, 2017 तक आधार नंबर जमा कराना जरूरी
  • नहीं करवाया तो खाता हो जाएगा अवैध
  • 50 हजार या अधिक के लेनदेन पर आधार अनिवार्य
नई दिल्ली:

सरकार ने आज (शुक्रवार) एक अहम ऐलान किया है. बैंक खाता खोलने तथा 50,000 रुपये या उससे अधिक के वित्तीय लेन-देन के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है. सभी वर्तमान बैंक खाताधारकों को 31 दिसंबर, 2017 तक आधार क्रमांक जमा करने को कहा गया है, ऐसा नहीं करने पर उनके खाते अवैध हो जाएंगे.

आधार संख्या व्यक्ति की जैविक पहचान से भी जोड़ी गयी है. राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार सभी वर्तमान बैंक खाताधारकों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी आधार संख्या को 31 दिसंबर, 2017 तक जमा करने को कहा गया है, ऐसा नहीं करने पर उनके खाते क्रियाशील नहीं रहेंगे.

सरकार ने 2017-08 के बजट में पहले ही आधार को (आयकर) स्थायी खाता संख्या (पैन) के साथ जोड़ने को आवश्यक बना दिया था ताकि लोग कर से बचने के लिए एक से ज्यादा पैन कार्डों का इस्तेमाल नहीं कर सकें.

धन-शोधन रोधी (रिकॉर्ड का रखरखाव) रोकथाम नियमावली, 2005 को संशोधित कर जारी की गयी अधिसूचना में व्यक्तियों, कंपनियों या भागदारी कंपनियों द्वारा 50000 रुपये या उससे अधिक के लेन-देन के लिए आधार के साथ-साथ पैन नंबर या फार्म नंबर 60 देना अनिवार्य बनाया गया है.

छोटे खातों के लिए नियमों को कड़ा करते हुए संशोधन में कहा गया है कि अपने ग्राहक को जानों (केवाईसी) दस्तावेज को जमा कराए बिना और अधिकतम 50000 रुपये जमा वाले खाते बैंकों को केवल उन शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां कोर बैंकिंग सोल्युशन हैं.

नये नियमों के अनुसार ऐसे खाते उसी शाखा में खोले जा सकते हैं जहां कर्मचारी उसकी निगरानी कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि विदेश से ऐसे खातों में पैसे न भेजे जाएं. उन खातों में महीने और साल में लेन-देन की निर्धारित सीमा का पालन हो तथा बैलेंस का उल्लंघन न हो.

ऐसे खाते शुरू में 12 महीने तक चालू रहेंगे और उसके बाद यदि खाताधारक इस बात का सबूत देता है कि उसने आधिकारिक वैध सत्यापन दस्तावेज के लिए आवेदन किया है तब उसे और 12 महीने का वक्त दिया जा सकता है.

नियमों में कहा गया है, 'छोटे खाते की निगरानी की जाएगी और जब भी यदि धनशोधन या आतंकवाद के वित्त पोषण या अन्य किसी बड़े जोखिम परिदृश्य का संदेह होगा तो दावे की पहचान आधिकारिक वैध दस्तावेजों की पेशी कर की जाएगी.' संशोधन में एक जून से व्यक्तियों, कंपनियों या भागदारी कंपनियों द्वारा 50000 रुपये या उससे अधिक के लेन-देन करने पैन या फार्म नंबर 60 के साथ आधार का उल्लेख करना आवश्यक बनाया गया है. यदि खाता खोलने के समय आधार क्रमांक नहीं होगा तो आवेदक को आधार के लिए किये गये आवेदन का सबूत दिखाना होगा और खाता खुल जाने के छह महीने के अंदर आधार क्रमांक जमा करना होगा.

इससे पूर्व आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान पीठ के अंतिम फ़ैसले तक आयकर रिटर्न के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, सरकार उन्हें पैन कार्ड से जोड़ने पर जोर नहीं दे सकती. लेकिन जिनके पास आधार कार्ड है उन्हें इसे पैन कार्ड से जोड़ना होगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आयकर अधिनियम के उस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर व्‍यवस्‍था दी जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन आवंटन के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है. इस मसले पर न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने चार मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

(इनपुट भाषा से...)


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