पति-पत्नी के अलावा Nobel Prize जीतने वाले अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफलो में है एक और दिलचस्प कनेक्शन

बनर्जी अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में अपनी पत्नी एस्थर के पीएचडी सुपरवाइजर भी रहे हैं.

पति-पत्नी के अलावा Nobel Prize जीतने वाले अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफलो में है एक और दिलचस्प कनेक्शन

फ्रांसीसी मूल की डेफ्लो अर्थव्यवस्था में पुरस्कार पाने वाली सबसे युवा और दूसरी महिला हैं

नई दिल्ली:

भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) को उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो (Esther Duflo) के साथ नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है. बनर्जी अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में अपनी पत्नी एस्थर के पीएचडी सुपरवाइजर भी रहे हैं. बनर्जी वर्तमान में MIT में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं. 1990 में जोशुआ एंगरिस्ट के साथ वह डुफ्लो के पीएचडी सुपरवाइजर थे. पीएचडी शोध निबंध में वह इस निष्कर्ष पर पहुंची थीं कि विकासशील देशों में ज्यादा शिक्षा पाने वालों को ज्यादा वेतन मिलता है. दोनों की शादी 2015 में हुई थी और उन्होंने साथ मिलकर ‘गुड इकोनॉमिक्स इन हार्ड टाइम्स' लिखी जो इसी हफ्ते बाजार में आने वाली है. 

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फ्रांसीसी मूल की डेफ्लो अर्थव्यवस्था में पुरस्कार पाने वाली सबसे युवा और दूसरी महिला हैं. दंपति को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल क्रेमर के साथ 'इंट्रोड्यूसिंग न्यू एप्रोच टू ऑब्टेनिंग रिलायबल आंसर्स अबाउट द बेस्ट वेज टू फाइट ग्लोबल पॉवर्टी' की खातिर नोबेल पुरस्कार हासिल हुआ है.डुफ्लो और बनर्जी ने साथ मिलकर दर्जनों शोध पत्र प्रकाशित करवाएं हैं. 

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उन्होंने ‘पुअर इकोनॉमिक्स' नाम से एक और किताब साथ- साथ लिखी है जो गरीबी उन्मूलन पर उनके कार्यों के दशकों पुराने अनुभव का दस्तावेजीकरण है. 

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