यह ख़बर 21 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

31 जुलाई तक मुंबई क्राइम ब्रांच की कस्टडी में रहेगा जिंदाल

खास बातें

  • मुंबई हमलावरों के आका अबू जिंदाल को शनिवार तड़के मुंबई लाया गया, जिसके बाद उसे किला कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 31 जुलाई तक उसे मुंबई क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेज दिया।
मुंबई:

मुंबई हमलावरों के आका अबू जिंदाल को शनिवार तड़के मुंबई लाया गया, जिसके बाद उसे किला कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 31 जुलाई तक उसे मुंबई क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेज दिया।

अबू जिंदाल की पेशी के लिए अदालत में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और लगभग 400 से ज्यादा पुलिस के जवानों के साथ ही QRT के कमांडोज को भी तैनात किया गया था। मामले की गंभीरता का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक खुद अदालत में सुनवाई के दौरान आए हुए थे।

जिंदाल को महाराष्ट्र एटीएस दिल्ली से दो दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लाई थी। किस जांच एजेंसी को जिंदाल की हिरासत मिलेगी, इसके लिए अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन 26/11 के मुंबई हमलों की संगीनता को देखते हुए अदालत ने जिंदाल को मुंबई क्राइम ब्रांच की कस्टडी में भेजे जाने का आदेश दिया।

विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने अदालत को बताया कि जिंदाल न सिर्फ 26/11 आतंकी हमलों के दौरान पाकिस्तान के कंट्रोल रूम में मौजूद था, बल्कि उसने आतंकियों को ट्रेनिंग भी दी थी। निकम ने अदालत को कहा कि जिंदाल को कसाब के साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी, ताकि 26/11 हमलों की सीमा पार आतंकी षडयंत्र का खुलासा हो सके।

क्राइम ब्रांच ने जिंदाल को फिलहाल 26/11 हमलों के दौरान गिरगांव चौपाटी पर हुई वारदात के मामले में अपने कब्जे में लिया है। इस हमले में पुलिस हवालदार तुकाराम ओम्बले ने अदम्य सहस का परिचय देते हुए उस हालत में कसाब को जिंदा पकड़ा था, जब उनके पेट में गोलियां लग चुकी थीं।

क्राइम ब्रांच की हिरासत में आए जिंदाल से इन खुलासों की उम्मीद की जा रही है कि 26/11 हमलों के वक्त किस तरह से पाकिस्तान का कॉल सेंटर काम कर रहा था? क्या आतंकी कॉल सेंटर में पाकिस्तानी खुफिया जांच एजेंसी के लोग भी थे? आतंकी हमलों में लोकल सपोर्ट के लिए क्या किसी भारतीय की मदद ली गई थी? आतंकी हमलों के टार्गेट किस आधार पर सेलेक्ट किए गए थे?

मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड जिले का रहने वाला जिंदाल औरंगाबाद में हथियारों के जखीरे की बरामदगी के बाद से ही फरार था। जिंदाल पर महाराष्ट्र एटीस ने चार मामले दर्ज कर रखे हैं, जिसमे फर्जी दस्तावेजों के जरिये सिम कार्ड मुहैया करवाने का भी मामला है।

इससे पहले, शुक्रवार को जिंदाल की हिरासत महाराष्ट्र एटीएस को सौंपने के बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) विनोद यादव ने कहा कि उससे पूछताछ के बाद वापस दिल्ली लाया जाए, क्योंकि एनआईए एवं अन्य एजेंसियों ने भी उसकी हिरासत की मांग की है।

दिल्ली पुलिस के साथ 30 दिनों की उसकी हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद जिंदाल को सीएमएम यादव के समक्ष पेश किया गया। दिल्ली पुलिस ने उससे 2010 में जामा मस्जिद विस्फोट और राजधानी में अन्य आतंकवादी हमले के सिलसिले में पूछताछ की थी।

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30 वर्षीय जिंदाल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और चार मामलों- औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामला, 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमला, जर्मन बेकरी विस्फोट और नासिक अकादमिक हमला मामलों में मुंबई एटीएस को उसकी तलाश है।