सांसदों को चाहिए बढ़ी सैलरी, वेतन-भत्तों संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग

सांसदों को चाहिए बढ़ी सैलरी, वेतन-भत्तों संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

राज्यसभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने सांसदों के वेतन और भत्तों पर संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग की। अग्रवाल ने कहा कि सरकार मीडिया के डर से समिति की रिपोर्ट को दबाए हुए है। अग्रवाल की बात का विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी समर्थन करते हुए बढ़ती महंगाई से हो रही मुश्किलों का जिक्र किया। हालांकि उनकी ही पार्टी की रेणुका चौधरी की राय अलग थी।

'मीडिया के डर से रिपोर्ट दबाए हुए है सरकार'
नरेश अग्रवाल ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी समिति ने सांसदों के वेतन और भत्तों पर अपनी रिपोर्ट दे दी है। अब उस पर अमल सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि ये सांसदों से जुड़ा मसला है, कमेटी बनी रिपोर्ट आई, सरकार मीडिया के डर से उसको दबाए हुए है... नेता सदन इस पर विचार कर रहे हैं या नहीं.. डर है कि मीडिया ट्रायल हो जाएगा। अग्रवाल ने मीडिया पर भी निशाना साधा और कहा कि मौजूदा वेतन में सांसदों के लिए भी सब कुछ मेंटेन करना मुश्किल है। रही बात मीडिया की तो मीडिया वाले कितनी तनख्वाह पा रहे हैं, इस पर कोई नहीं लिख रहा है।

गुलाम नबी आजाद ने किया समर्थन, रेणुका विरोध में
अग्रवाल की बात का विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने खुलकर समर्थन किया। आजाद ने कहा कि मैं समर्थन करता हूं... यह सही है कि मीडिया से हम डरते हैं। लेकिन सांसदों के लिए, मीडिया के संपादकों का वन-फोर्थ (वेतन) भी चलेगा... वहीं कांग्रेस की ही सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि ऐसे वक्त में जब देश में सूखा पड़ा हो और लोग परेशान हों, तो ऐसी मांग करना शोभा नहीं देता। जेडीयू के अली अनवर ने कहा कि हम सांसदों का वेतन बढ़ाने के समर्थन में हैं।

सांसदों का वेतन दोगुना करने का प्रस्ताव
सांसदों का वेतन दोगुना करने का प्रस्ताव तैयार पड़ा है। इस प्रस्ताव में सांसदों का वेतन 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख करने की बात है। साथ ही दफ्तर और संसदीय क्षेत्र का भत्ता भी दोगुना करने की बात कही गई है। इस प्रस्ताव को माना गया तो सांसदों का वेतन और भत्ता कुल मिलाकर 2 लाख 80 हजार प्रतिमाह किया जा सकता है।

सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक किसी सरकारी नुमाइंदे की न्यूनतम तनख्वाह 18,000 और अधिकतम 2 लाख 25 हजार हो सकती है। साथ ही कैबिनेट सचिव और समकक्ष अधिकारी के लिए 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन का प्रस्ताव है।


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