NIA ने एल्गार परिषद मामले में आनंद तेलतुम्बडे को किया गिरफ्तार 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी आनंद तेलतुम्बडे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया.

NIA ने एल्गार परिषद मामले में आनंद तेलतुम्बडे को किया गिरफ्तार 

आनंद तेलतुम्बडे को NIA ने किया गिरफ्तार

मुंबई:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी आनंद तेलतुम्बडे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले तेलतुम्बडे ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार एनआईए के दक्षिण मुंबई के कम्बाला हिल स्थित कार्यालय में आत्मसमर्पण किया और इसके बाद एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. एक अधिकारी ने बताया कि तेलतुम्बडे को जल्द ही यहां एक अदालत के समक्ष पेश किया जायेगा. इससे पूर्व तेलतुम्बडे अपनी पत्नी रामा तेलतुम्बडे और अपने रिश्तेदार तथा दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के साथ आत्मसमर्पण करने के लिए यहां एनआईए के कार्यालय पहुंचे थे.

मामले में एक सह-आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने भी दिल्ली में एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण किया. उनकी अग्रिम जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी थी. अधिकारी के अनुसार नवलखा को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मुंबई में अदालत के समक्ष पेश किया जायेगा. शीर्ष अदालत ने 17 मार्च, 2020 को इनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था और तीन सप्ताह के भीतर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था. उच्चतम न्यायालय ने नौ अप्रैल को इन दोनों को आत्मसमर्पण करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया था.

माओवादियों से संबंध के आरोप में तेलतुम्बडे, नवलखा और नौ अन्य नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. इन कार्यकर्ताओं को शुरुआत में कोरेगांव-भीमा में भड़की हिंसा के बाद पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार इन लोगों ने 31 दिसम्बर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण और बयान दिये थे जिसके अगले दिन हिंसा भड़क गई थी.

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पुलिस ने कहा कि वे प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य . इसके बाद यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था. बम्बई उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तेलतुम्बडे और सह-आरोपी गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी. उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिकाओं को खारिज किये जाने के बाद इन दोनों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)