यह ख़बर 06 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

आदर्श की लापता फाइल, तीन अधिकारी गिरफ्तार

खास बातें

  • एक स्थानीय अदालत ने महाराष्ट्र शहरी विकास विभाग के तीन अधिकारियों को शुक्रवार को 10 मई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
मुंबई:

आदर्श हाउसिंग सोसायटी की लापता फाइलों के मामले में एक स्थानीय अदालत ने महाराष्ट्र शहरी विकास विभाग के तीन अधिकारियों को शुक्रवार को 10 मई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। प्रदेश के शहरी विकास विभाग के अधिकारियों, डेस्क अधिकारी जी वाजपे, सहायक शहरी योजनाकार एनएन नरवेकर और वमन राउल को गुरुवार की शाम गिरफ्तार किया गया। इससे कुछ समय पहले बंबई उच्च न्यायालय ने आदर्श मामले में धीमी जांच के लिए सीबीआई को आड़े हाथों लिया था। विशेष मजिस्ट्रेट डीएच शर्मा ने सीबीआई हिरासत का निर्देश देते हुए कहा कि मामले की संवेदनशीलता और इसमें निहित जनहित को देखते हुए सीबीआई को आरोपियों से पूछताछ का एक मौका मिलना चाहिए। अदालत ने आदर्श घोटाले तथा इससे जुड़ी लापता फाइलों के सिलसिले में मामलों को शामिल नहीं करने पर भी सीबीआई से नाराजगी जताई। न्यायाधीश ने कहा, सभी अपराधों को एक जगह क्यों नहीं किया गया। क्या आप (सीबीआई) लोगों का ध्यान चोरी के एक छोटे मोटे मामले की ओर खींचना चाहते हो जिससे वे मुख्य घोटाले को भूल जाएंगे। उन्होंने कहा कि लापता फाइलों का पता लगाने के लिए तथा अन्य लोगों की संभावित संलिप्तता का पता लगाने के लिए आरोपियों की हिरासत भी जरूरी है। सीबीआई का आरोप था कि तीनों आरोपियों का लापता फाइलों से आखिरी बार काम पड़ा था और सवालों का जवाब नहीं देने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। पिछले साल सितंबर में आदर्श सोसायटी मामला सामने आने के बाद इमारत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण फाइलें महाराष्ट्र शहरी विकास विभाग के दफ्तर से लापता मिलीं। बंबई उच्च न्यायालय ने कल घोटाले के संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई से लापता फाइलों के मामले पर ध्यान देने को कहा था।


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