यह ख़बर 02 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'सैन्य अधिकारियों-नौकरशाहों के खिलाफ साक्ष्य'

खास बातें

  • सीबीआई ने दावा किया है कि कई सैन्य अधिकारियों और नौकरशाहों के खिलाफ जालसाजी व दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के साक्ष्य मिले हैं।
मुंबई/नई दिल्ली:

आदर्श सोसायटी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो :सीबीआई: ने दावा किया है कि कई सैन्य अधिकारियों और नौकरशाहों के खिलाफ जालसाजी व दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के साक्ष्य मिले हैं। सीबीआई इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है। सीबीआई उच्चस्तरीय विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी की ओर से कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनसे इस बात के संकेत मिलते हैं कि इस आपराधिक साजिश में कुछ रक्षा अधिकारी भी महाराष्ट्र सरकार के नौकरशाहों और अन्य लोगों के साथ शामिल थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, इस मामले में जल्द ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। अब हमारे पास ठोस साक्ष्य हैं। अधिकारी ने कहा कि सीबीआई के कानूनी विभाग से मंजूरी मिल जाने के बाद भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाएगा। इस घोटाले में रक्षा अधिकारियों के नाम आने के बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया था। आदर्श सोसायटी की इमारत में सेना के पूर्व प्रमुख जनरल दीपक कपूर, जनरल एनसी विज एवं पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल माधवेंद्र सिंह समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के फ्लैट थे। ये तीनों पूर्व प्रमुख पहले ही यह चुके हैं कि वे अपने फ्लैट वापस कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई ने बीते साल 15 नवंबर को शरुआती जांच आरंभ की थी। यह इमारत सेना की जमीन पर नियमों का कथित तौर पर उल्लंघन करके बनाई गई है। कारगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों के लिए बनने वाली इस इमारत को पहले छह मंजिला बनना था, लेकिन बाद में इसे 31 मंजिला कर दिया गया था। सीबीआई के अधिकारी ने कहा, हम इसे एक ठोस मामला बना रहे हैं। इसमें कोई खामी नहीं होगी। बीते 11 दिसंबर को सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी कराने का आदेश दिया गया था और सीबीआई की जांच इससे अलग है। सेना के अधिकारियों का कहना है कि कोई भी जिम्मेदार पाया गया तो उसे कानूनी कटघरे में खड़ा किया जाएगा।


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