यह ख़बर 03 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मुख्य चुनाव आयुक्त चुनने का तरीका बदले सरकार : आडवाणी

खास बातें

  • लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के रिटायरमेंट के बाद सरकार नया मुख्य आयुक्त चुनने का तरीका बदले।
नई दिल्ली:

मौजूदा चयन प्रक्रिया को जोड़तोड़ और पक्षपात के लिहाज से संवेदनशील बताते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि चुनाव आयुक्तों और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की नियुक्ति के लिए व्यापक चयन मंडल (कॉलेजियम) प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे एक पत्र में बीजेपी संसदीय दल के नेता आडवाणी ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं और इस व्यवस्था से लोगों में भरोसा नहीं पैदा होता। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण फैसलों में सत्तारूढ़ दल की विशेष भूमिका होने के नाते चयन प्रक्रिया में जोडतोड़ और पक्षपात की आशंका बन जाती है।

आडवाणी ने कहा कि निश्चित रूप से इस प्रणाली पर तब धब्बा लगा था, जब कुछ साल पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के महत्वपूर्ण कार्यालय में एक संदेहपूर्ण नियुक्ति की गई थी। उन्होंने कहा कि समय आ गया है, जब चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक निकायों के लिए चयन प्रक्रिया में सुधार किया जाए, जैसा सीवीसी और सीआईसी के मामले में किया गया है।

आडवाणी ने कहा कि इस संदर्भ में वह प्रधानमंत्री से पुरजोर अनुरोध करेंगे कि चुनाव आयोग के नए सदस्य की नियुक्ति किसी व्यापक कॉलेजियम के द्वारा कराई जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री को कॉलेजियम का अध्यक्ष होना चाहिए, जबकि प्रधान न्यायाधीश, कानून मंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता को बतौर सदस्य शामिल किया जाना चाहिए।

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आडवाणी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-324 में उचित संशोधन किए जाने की जरूरत है। यह अनुच्छेद चुनाव आयोग से संबंधित है। मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के इसी महीने सेवानिवृत्त होने पर चुनाव आयोग में एक पद रिक्त होगा। उन्होंने कहा कि अगले साल कैग में भी पद रिक्त होंगे।