पीएम मोदी के उद्धाटन के 20 दिन के बाद ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस से ढाई करोड़ का सामान चोरी

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर चोरों की नजर लग गई है. हालत ये है कि प्रधानमंत्री के उद्घाटन के 20 दिन के अंदर ही चोर करीब ढाई करोड़ के माल पर हाथ साफ कर चुके हैं.

पीएम मोदी के उद्धाटन के 20 दिन के बाद ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस से ढाई करोड़ का सामान चोरी

खास बातें

  • चोर करीब ढाई करोड़ के माल पर हाथ साफ कर चुके हैं
  • चोर सोलर पैनल को ही उखाड़ ले गए हैं
  • एक सोलर पैनल की कीमत डेढ़ लाख के करीब है
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर चोरों की नजर लग गई है. हालत ये है कि प्रधानमंत्री के उद्घाटन के 20 दिन के अंदर ही चोर करीब ढाई करोड़ के माल पर हाथ साफ कर चुके हैं. सोलर पैनल हो या फ़व्वारा, एक्सप्रेसवे की बाड़ हो या साज-सज्जा का सामान, सब चोर उड़ा ले गए. 

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे देश का पहला सौर-ऊर्जा संचालित 135 किमी लंबे हाईवे पर करीब 4000 किलोवाट सौर-ऊर्जा से जगमगा रहा था. लेकिन चोर इस तरह के सोलर पैनल को ही उखाड़ ले गए हैं. कहीं पैनल नहीं उखाड़ पाए तो वहां इस तरह के बॉक्स में रखी कन्वर्टर बैटरी को ही चुरा ले गए. बागपत से डासना के बीच करीब 50 किमी में इस तरह  250 सोलर पैनल लगाए गए थे, जिनमें आधे से ज्यादा सोलर पैनल या बैटरी चोरी हो चुके हैं. एक सोलर पैनल की कीमत डेढ़ लाख के करीब है. इस सोलर पैनल का काम ऊर्जा को इस बैटरी में संचित करती थी, जिससे इस तरह के अंडर पास में रोशनी करना था, ताकि अंडरपास से गुजरने वाले राहगीरों को अंधेरे का सामना न करना पड़े.

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eastern peripheral express

सोलर पैनल ही नहीं इसके जरिए अंडर पास को रोशनी देने वाली मरकरी लाइट ही चोरी हो चुकी है. इस तरह की मरकरी मावी कलां गांव जाने वाले इस अंडर पास में लगी थी, लेकिन अब यहां इसका नामो निशान ही नहीं है. यहां चार मरकरी लगी थी दो बार कंपनी वालों ने लगाया कि लेकिन सब चोरी हो गई. बैटरी भी चोर उठा ले गए. मरकरी लाइट के साथ-साथ प्लास्टिक पाइप काटकर कई मीटर तक बिजली के तार भी चोर चुरा ले गए. हम जैसे जैसे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे में आगे बढ़ते गए. चोरी के एक से बढ़कर एक नमूने दिखाई दिए. 

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ईस्टर्न पेरीफेरल की सुंदरता को बढ़ाने के लिए करीब 40 लाख रुपए के ये फव्वारे लगाए गए हैं. कभी इस तरह के फव्वारे यहां भी लगे थे. अब चोरी हुए फव्वारों की गिनती का काम चल रहा है. यह बागपत की सीमा पर है. इस तरह के बड़े फाउंटेन को यहां लगाया गया था लेकिन एक भी फाउंटेन को यहां चोरों ने नहीं छोड़ा. इस तरह की लाइटें भी उखाड़ ले गए. चपरासी सोमदत्त का कहना है कि रात के वक्त चोरी होती है. हमने खबर दी तब दो घंटे बाद यहां पुलिस आई थी.
 
eastern peripheral express

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे में ऐतिहासिक स्मारकों के इस तरह के 36 मिनिएचर लगाए गए हैं. यहां कभी इस तरह का वीर जवान ज्योति का मिनिएचर था, लेकिन जयपुर से करीब 6 लाख रुपए में आए वीरजवान ज्योति को ही चोरी कर लिया गया. एक्सप्रेसवे को हराभरा रखने के लिए पौधे लगाए हैं. इसे भी चोर उखाड़ कर ले गए, लेकिन ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे में हो रही चोरी से महज पैसों का नुकसान नहीं बल्कि ये चोरी जानलेवा साबित हो रही है. एक्सप्रेस वे में आवारा पशु न आए. इसके लिए इस तरह की लोहे की चारदीवारी लगाई गई है लेकिन कई जगह से लोहे के तार इस तरह से गायब है. इस चोरी के कारण आवारा पशु सड़कों पर आ जाते हैं जो इस तरह की खतरनाक दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. बीते 2 जून को ये हादसा हुआ, जिसमें चार लोग घायल हो गए और एक की मौत हो गई.

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सद्भाव कंपनी प्रोजेक्ट मैनेजर पियूष का कहना है कि कौन-कौन सी चीज नहीं चोरी हो रही है. सोलर पैनल बैटरी तारे लोग चुरा रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है. हालांकि अब ईस्टर्न पेरीफेरल में हो रही चोरियों के चलते जगह जगह ऐसे चौकीदार बैठाए गए हैं लेकिन जब चोर बैटरी से लेकर इस तरह के  प्लास्टिक कवर को भी चुरा रहे हैं तो इसका वास्ता कानून व्यवस्था से नहीं हमारी मानसिकता से भी है.

VIDEO: ईस्टर्न एक्सप्रेस वे को लगी चोरों की नजर


 

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