'नोटबंदी के बाद अब 'चेकबंदी' भी कर सकती है नरेंद्र मोदी सरकार'

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बैंकों में मिलने वाली चेक की सुविधा को भी खत्म कर सकती है.

'नोटबंदी के बाद अब 'चेकबंदी' भी कर सकती है नरेंद्र मोदी सरकार'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 'नोटबंदी के बाद अब 'चेकबंदी' भी कर सकती है नरेंद्र मोदी सरकार'
  • देशभर में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ले सकती है फैसला
  • फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कही गई यह बात
नई दिल्ली:

पिछले साल की गई नोटबंदी के बाद से ही सरकार की लगातार कोशिश है कि देशभर में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जाए, ताकि भ्रष्टाचार और काले धन पर लगाम लगाई जा सके, और इसी उद्देश्य से अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बैंकों में मिलने वाली चेक की सुविधा को भी खत्म कर सकती है.
 
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फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही चेक की व्यवस्था को खत्म करने का आदेश जारी कर सकती है. संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि सरकार क्रेडिट और डेबिट कार्डों के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा दे रही है, और इसे अधिक सुचारु और लोकप्रिय बनाने के लिए वह चेकबुक की सुविधा को भी खत्म कर सकती है.
 
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CAIT महासचिव के मुताबिक नोटबंदी से पहले तक केंद्र सरकार को नए करेंसी नोटों की छपाई पर लगभग 25,000 करोड़ रुपये खर्च किया करती थी, और उनकी सुरक्षा पर 6,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम खर्च करनी पड़ती थी.चेक की सुविधा को खत्म करने से कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में कितना लाभ होगा, इस सवाल के जवाब में प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अधिकतर व्यापारिक लेनदेन चेक के ज़रिये ही होते है.

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उनका कहना था कि फिलहाल देश में 95 फीसदी लेनदेन नकदी या चेक के ज़रिये ही होते हैं. नोटबंदी के बाद नकदी के लेनदेन में कमी आई, सो, चेकों का इस्तेमाल निश्चित रूप से बढ़ा है.


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