5 महीने बाद CBI ने लिया YES बैंक के वाइस प्रेसिडेंट की मौत का केस, लापता होने के 2 दिन बाद मिली थी लाश

हरियाणा सरकार ने 17 अक्टूबर को मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार ने 6 जनवरी को हरियाणा सरकार की सिफारिश मंजूर कर ली. अब अपने हाथ में केस लेने के बाद सीबीआई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक केस दर्ज किया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है.

5 महीने बाद CBI ने लिया YES बैंक के वाइस प्रेसिडेंट की मौत का केस, लापता होने के 2 दिन बाद मिली थी लाश

38 वर्षीय धीरज अहलावत पिछले साल 5 अगस्त को घर से बाहर टहलने गए थे लेकिन वो वापस लौटकर नहीं आए.

खास बातें

  • यस बैंक में वाइस प्रेसिडेंट थे धीरज अहलावत, 7 अगस्त को मिली थी लाश
  • 5 अगस्त को घर से निकले थे टहलने, दो दिन बाद मिली थी लाश
  • कॉरपोरेट लोन डील करते थे धीरज, परिवार ने लगाया था अगवा कर मर्डर के आरोप
नई दिल्ली:

देश की शीर्ष जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक निजी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी की मौत के पांच महीने बाद उसकी जांच का जिम्मा हरियाणा पुलिस (Haryana Police) से अपने हाथों में लिया है. यस बैंक (Yes Bank) के वाइस प्रेसिडेंट (Vice President) धीरज अहलावत पांच महीने पहले गुरुग्राम (Gurugram) स्थित अपने घर से लापता हो गए थे. उसके दो दिन बाद शहर से सटे दिल्ली में उनकी लाश मिली थी.

धीरज अहलावत गुरुग्राम के सेक्टर 46 में रहते थे. 38 वर्षीय धीरज पिछले साल 5 अगस्त को घर से बाहर टहलने गए थे लेकिन वो वापस लौटकर नहीं आए. दो दिन बाद दिल्ली के रोहिणी में उनकी लाश लावारिश हालत में मिली.

उनके परिवार ने तब आरोप लगाया था कि बड़ी साजिश के तहत पहले उनका अपहरण किया गया और बाद में हत्या कर दी गई क्योंकि वह कॉरपोरेट लोन डील कर रहे थे. धीरज यस बैंक के कॉरपोरेट बैंकिंग विभाग में बतौर वाइस प्रेसिडेंट कार्यरत थे. धीरज की लाश एक नहर में मिली थी, तब उनके परिवार ने देखा था कि उनकी कलाई पर राखी बंधी है जो उनकी बहन ने बांधी थी.

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हरियाणा पुलिस मामले की जांच कर रही थी लेकिन दो-ढाई महीने तक केस में कोई प्रगति नहीं होने पर उनके परिजनों ने अक्टूबर में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी और मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया था. इससे पहले हरियाणा पुलिस ने मामले की तफ्तीश के लिए एसआईटी का भी गठन किया था लेकिन उनके हाथ कोई सुराग नहीं लगा.

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हरियाणा सरकार ने 17 अक्टूबर को मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार ने 6 जनवरी को हरियाणा सरकार की सिफारिश मंजूर कर ली. अब अपने हाथ में केस लेने के बाद सीबीआई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक केस दर्ज किया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है. सीबीआई ने गलत मंशा से अपहरण करने और हत्या का केस दर्ज किया है.