झारखंड चुनाव में हार से सबक लेकर अब यह बड़ा कदम उठाएगी BJP

भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही स्थिति का आकलन करेगा कि झारखंड में क्या गलत हुआ. साथ ही नेतृत्व और राज्य इकाई में आंतरिक कलह जैसे स्थानीय मुद्दों के अलावा एकताबद्ध विपक्ष को लेकर भी विश्लेषण किया जाएगा.

झारखंड चुनाव में हार से सबक लेकर अब यह बड़ा कदम उठाएगी BJP

झारखंड में हार के बाद बीजेपी ने लिया सबक

खास बातें

  • हार के बाद बीजेपी के बड़े नेताओं ने की बैठक
  • सूत्रों के अनुसार बैठक में अब से स्थानीय नेताओं को भी तरजीह देने की बात
  • इस बार राज्य में बीजेपी को हुआ 12 सीटों का नुकसान
नई दिल्ली:

झारखंड विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हार के कारणों का पता लगाना शुरू कर दिया है. बीजेपी की बैठक में अब इस बात पर खासा जोर दिया जा रहा है कि राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए हमें स्थानीय नेताओं को तरजीह देना होगा. बता दें कि झारखंड चुनाव में जहां पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है वहीं हरियाणा में भी पार्टी को पहले के मुकाबले सीटों को नुकसान उठाना पड़ा था. उधर, महाराष्ट्र में भी बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई. भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही स्थिति का आकलन करेगा कि झारखंड में क्या गलत हुआ. साथ ही नेतृत्व और राज्य इकाई में आंतरिक कलह जैसे स्थानीय मुद्दों के अलावा एकताबद्ध विपक्ष को लेकर भी विश्लेषण किया जाएगा. दिल्ली सहित आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाई जाएगी.

अमित शाह 1.0 ही तय कर रहा है मोदी 2.0 का भाग्य

सूत्रों ने बताया कि झारखंड के अनुभव ने स्थानीय इकाइयों की आवाज सुनने की आवश्यकता पर बल दिया है, खासकर उन राज्यों में जहां पार्टी सत्ता में है. उन्होंने कहा कि भाजपा को महाराष्ट्र में कुछ सीटों का नुकसान हुआ क्योंकि कई क्षेत्रीय कद्दावर नेताओं के टिकट काट दिए गए जिनके संबंध तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से अच्छे नहीं थे. बता दें कि झारखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुबर दास, अपनी ही पार्टी के एक प्रमुख नेता सरयू राय से हार गए. राय कद्दावर स्थानीय नेता हैं और केंद्रीय नेतृत्व ने दास के कामकाज के तरीके पर राय की आपत्तियों को नजरअंदाज कर गलती की. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इससे पार्टी शासित राज्यों असम, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हो रहे घटनाक्रम पर ज्यादा नजदीकी से नजर रखने के लिए प्रेरित हो.

झारखंड : PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की रैलियां भी न बचा सकीं रघुबर सरकार को

नागरिकता कानून को लेकर असम में हुए प्रदर्शन के कारण पार्टी वहां रक्षात्मक मुद्रा में है वहीं उत्तराखंड के स्थानीय निकाय चुनावों में उसने खराब प्रदर्शन किए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अभी तक अपनी पसंद के मुख्यमंत्रियों का पूरा समर्थन किया और असंतुष्टों के विचार को तरजीह नहीं दी. बहरहाल, भाजपा नेताओं ने कहा कि उनके विचारधारा के एजेंडे के कारण पार्टी को अपना वोट आधार मजबूत करने में मदद मिली है. पिछले वर्ष के बाद से चार राज्यों में भाजपा की हार से राज्यसभा में विपक्ष मजबूत हो सकता है जब मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड से ऊपरी सदन के लिए चुनाव होंगे. जेएमएम के नेतृत्व वाले तीन दलों के गठबंधन ने झारखंड में सोमवार को भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया. 81 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन ने 46 सीटों पर जीत दर्ज की और भगवा दल के सीटों की संख्या 37 से घटकर 25 रह गई.

VIDEO: चुनाव में जीत के बाद हेमंत सोरेन ने की एनडीटीवी से खास बातचीत.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)