केंद्र सरकार के लेटर के बाद WhatsApp ने कहा, 'पारदर्शिता के लिए लाए नई प्राइवेसी पॉलिसी '

नई प्राइवेसी पॉलिसी फरवरी से प्रभाव में आई वाली थी लेकिन विवाद के चलते इसे मई तक टाल दिया गया है. व्‍हाट्सऐप के एक प्रवक्‍ता ने कहा, 'हम इस बात को कहना चाहते हैं कि यह अपडेट फेसबुक के साथ डेटा शेयर करने की हमारी क्षमता का विस्‍तार नहीं करता है.'

केंद्र सरकार के लेटर के बाद WhatsApp ने कहा, 'पारदर्शिता के लिए लाए नई प्राइवेसी पॉलिसी '

प्रतीकात्‍मक फोटो

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म WhatsApp ने कहा है कि उसकी प्रस्‍तावित प्राइवेसी पॉलिसी (Proposed privacy policy) डाटा शेयरिंग को बढ़ाने के लिए नहीं है बल्कि व्‍यवसाय के विस्‍तार में मदद के लिए विकल्‍प मुहैया कराती है. व्‍हाट्सऐप की ओर से यह प्रतिक्रिया केंद्र सरकार की ओर से इस सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म के ग्‍लोबल सीईओ विल कैथार्ट (Will Cathcart) को पत्र जारी करने के बाद आई है. सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी मंत्रालय (MEITY) ने व्हाट्सऐप के CEO को पत्र में कहा था कि भारतीय यूजर्स के लिए नई टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लिया जाए. व्हाट्सऐप के ग्लोबल CEO विल कैथर्ट को लिखे पत्र में मंत्रालय ने यूजर्स की इंफर्मेशन सिक्यूरिटी पर सवाल उठाया और कहा कि चैट का डेटा बिजनेस अकाउंट से शेयर करने से फेसबुक की अन्य कंपनियों को यूजर्स के बारे में सारी सूचनाएं मिल जाएंगी. इससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है. नई प्राइवेसी पॉलिसी फरवरी से प्रभाव में आई वाली थी लेकिन विवाद के चलते इसे मई तक टाल दिया गया है. व्‍हाट्सऐप के एक प्रवक्‍ता ने कहा, 'हम इस बात को कहना चाहते हैं कि यह अपडेट फेसबुक के साथ डेटा शेयर करने की हमारी क्षमता का विस्‍तार नहीं करता है.'

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प्रवक्‍ता ने कहा, 'हमारा लक्ष्‍य व्‍यवसायों से जुड़ने के लिए पारदर्शिता लाना और नए विकल्‍प उपलब्‍ध कराना है ता‍कि वे अपने कस्‍टमर्स की सेवा कर सकें और आगे बढ़ सकें. WhatsApp हमेशा व्‍यक्तिगत संदेशों को end-to-end encryption के साथ सुरक्षित रखेगा. हम गलत सूचनाओं को दूर करने पर काम कर रहे हैं और किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए उपलब्‍ध रहेंगे.'

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मंत्रालय का कहना था कि व्हाट्सऐप का यह कहना कि या तो मानिए या फिर छोड़िए, यूजर्स को नई टर्म्स को मानने पर मजबूर कर रहा है. इसमें उन्हें इनकार करने की गुंजाइश नहीं है. सरकार ने व्हाट्सऐप को सुप्रीम कोर्ट के 2017 फैसले में आए प्राइवेसी नियमों को बारे में ध्यान दिलाया है. मंत्रालय ने पूछा है कि ऐसे समय जब भारतीय संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा चल रही है, यह व्हाट्सऐप यह नीति क्यों लाया? यह बिल संयुक्त संसदीय समिति के पास विचाराधीन है. इसमें डेटा के लिए परपज लिमिटेशन का प्रावधान है यानी कंपनी जिस काम के लिए यूजर का डेटा ले रही है केवल उसी के लिए इस्तेमाल कर सकती है और इसके लिए यूजर की सहमति आवश्यक है.