मोरल पुलिस की छवि मिटाने के लिए मुंबई पुलिस ने लगाई अफसरों की क्लास

मोरल पुलिस की छवि मिटाने के लिए मुंबई पुलिस ने लगाई अफसरों की क्लास

फाइल फोटो

मुंबई:

मुंबई के मालवणी और मड इलाके में मोरल पुलिसिंग के आरोप झेल रही मुंबई पुलिस के मुखिया ने अपने महकमे को संवेदनशील बनाने के लिए पाठशाला लगाई, जिसमें शहर के 350 पुलिस अफसर शामिल हुए।

इससे पहले पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने एक सर्कुलर जारी कर सभी थानों को हिदायत दी है कि किसी का पहनावा या रहन सहन देखना पुलिस का काम नहीं है।

मड और मालवणी के होटलों में 6 अगस्त को नैतिकता ब्रिगेड का झंडा थामकर रेड डालती मुंबई पुलिस की इन तस्वीरों से महकमे की खूब जगहंसाई हुई, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार लगाई सो अलग।

अब ये तस्वीरें पुलिस ना दुहराए, इसलिए पहले मुंबई पुलिस ने सारे पुलिस स्टेशनों को सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया कि पुलिसवाले मॉल, पार्क और बीच पर नौजवानों को तंग ना करें। उन्हें ये भी हिदायत दी गई कि अपनी मर्जी से होटल या फ्लैट के कमरों में रहने वाले वयस्‍क जोड़ों के कमरों में जबरन ना घुसें।

शनिवार को शहर के सारे पुलिस स्टेशनों के तकरीबन 350 सीनियर अधिकारियों में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए क्लास लगाई गई। सेमिनार के बाद एडिश्नल कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रताप दिघावेकर ने कहा, 'इस कार्यक्रम का मूल मकसद है जागरूकता बढ़ाना। इस कार्यशाला का मकसद है ये बताना कि हमारी सामाजिक ज़िम्मेदारी क्या है। हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता, दूसरों के आत्मसम्मान का सम्मान करें।'

इस सेमिनार में संपादक, सोशियोलॉजिस्ट और वरिष्ठ अधिकारी पुलिसकर्मियों को ये बताते रहे कि ग़ैरकानूनी क्या है और ऐसे मामलों में पुलिसवालों को किस हद तक जाकर कार्रवाई करनी चाहिए। संगीतकार विशाल डडलानी ने कहा पुलिस को समझना चाहिए जबतक कोई क़ानून ना तोड़े और दूसरों को तकलीफ ना पहुंचाए तब तक किसी की निजी ज़िंदगी में दखलअंदाजी सही नहीं है।

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अगर जनता और पुलिस की ज़रूरत को समझ लिया जाए तो स्वस्थ समाज बन सकता है, मुझे लगता है ऐसी पहल बहुत अच्छी है।' पुलिस का कहना है कि ऐसे और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे ताकि मालवणी जैसी घटना दुबारा ना हो।