
कोर्ट के आदेश के बाद आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई शुरू
10 बड़ी बातें
पेड़ काटने के खिलाफ जहां लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो वहीं बॉलीवुड अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा और नेता जिग्नेश मेवानी ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाई.
अदालत की ओर से आरे कॉलोनी को बचाने के लिए दायर चारों याचिकाओं को बॉम्बे हाईकोर्ट से खारिज किए जाने के बाद अब याचिकाकर्ता जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam ramesh) मंगलवार को आरे कॉलोनी पहुंचे और पेड़ों को बचाने की बात कही थी.
ट्री कमेटी की ओर से पेड़ों को काटने की अनुमति देने के बाद अदालत में इस मामले पर याचिका दायर की गई थी.
इस मामले में केंद्र और राज्य में सत्ता में एक साथ शिवसेना और बीजेपी का रुख अलग है.
बीजेपी विकास के पक्ष में नज़र आ रही है तो वहीं शिवसेना पर्यावरण के पक्ष में है.
बीते काफी दिनों से आरे कॉलोनी में जंगल काटने को लेकर विरोध हो रहा है. सरकार वहां मेट्रो कार शेड बनाना चाहती है.
पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि आरे में कारशेड की योजना ज़मीन हड़पने के लिए है.
कुछ समय पहले ही मेट्रो शेड से अलग आरे कॉलोनी में अंतरराष्ट्रीय दर्जे का चिड़ियाघर बनाने के लिए बीएमसी, वन विभाग और राज्य सरकार के बीच करार हुआ था.
करार के मुताबिक आरे कॉलोनी की 120 एकड़ जमीन पर 500 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर बनाया जाएगा.