किसानों का कहना है कि उनके पास 6 महीने का राशन है
Farmers Protest Live Updates : कृषि कानून (Farm Laws) के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे आंदोलनरत किसानों (Farmers Protest) को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति मिल गई है. लेकिन किसानों को बुराड़ी के मैदान में प्रदर्शन करना मंजूर नहीं है. सिंधु बॉर्डर (Sindhu Border) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि कि वो एनएच 1 को बंद करेंगे. किसान कह रहे हैं कि वो अगर मैदान गए तो क़ैद होकर रह जाएंगे. उन्होंने कहा, “बुराड़ी के मैदान में ले जाकर उनका आंदोलन कमज़ोर करने की कोशिश है पंजाब के किसान दिल्ली हरियाणा सीमा पर सिंधु बॉर्डर पर ठहरे हैं और आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं. एक आंदोलनरत किसान ने कहा, "हमें 6 महीने के लिए भोजन राशन मिला है. हम काले कृषि कानूनों से छुटकारा पाने के बाद वापस लौटेंगे, जो किसानों के खिलाफ हैं."
"हमारी चिंताओं का समाधान करे और आवश्यक कानून का मसौदा तैयार करे"
भारतीय किसान यूनियन, राकेश टिकैत ने कहा है कि हम चाहते हैं कि सरकार मुद्दों पर चर्चा करे, हमारी चिंताओं का समाधान करे और आवश्यक कानून का मसौदा तैयार करे. हम आज रात मेरठ टोल प्लाजा पर रुके हैं और कल सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
"हमारी कोशिश रहेगी कि दिल्ली में पहुंचे सभी किसानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो"
दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "हमारी कोशिश रहेगी कि दिल्ली में पहुंचे सभी किसानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो.डिविज़नल कमिशनर को निर्देश दिए गए हैं कि संत निरंकारी ग्राउंड में रहने,पानी, मोबाइल टॉयलेट और सफाई की व्यवस्था के इंतज़ाम किए जाएं."
"हमें 6 महीने का राशन मिला है, हम काले कानून से छुटकारा पाने के बाद ही लौटेंगे"समाचार एजेंसी एएआई से एक आंदोलनरत किसान ने कहा, "हमें 6 महीने के लिए भोजन राशन मिला है. हम काले कृषि कानूनों से छुटकारा पाने के बाद वापस लौटेंगे, जो किसानों के खिलाफ हैं."
आम आदमी पार्टी का बयान केंद्र सरकार को किसानों को विरोध-प्रदर्शन के लिए उनकी पसंद का स्थान देना चाहिए. आम आदमी पार्टी ने बुराड़ी में किसानों के लिए व्यवस्था करनी शुरू कर दी है. AAP उन सभी स्थान पर व्यवस्था करेगी, जहाँ किसान मौजूद होंगे. केंद्र सरकार को किसानों के साथ इस तरह का अहंकारपूर्ण बर्ताव नहीं करना चाहिए.
शराब की दुकानें बंद कराई गई
दिल्ली पुलिस ने किसानों ने दिल्ली मार्च को देखते हुए बुराड़ी के आसपास शराब की दुकानें बंद कराई.
"मैं उनसे अपील करता हूं कि COVID-19 और सर्दियों के मद्देनजर आंदोलन छोड़ें"ANI पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "सरकार किसानों के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार रही है. हमने 3 दिसंबर को वार्ता के एक और दौर के लिए किसान संगठनों को आमंत्रित किया है. मैं उनसे अपील करता हूं कि COVID-19 और सर्दियों के मद्देनजर आंदोलन छोड़ें"
दिल्ली सरकार ने बुराड़ी में इंतजामों की जायजा लियासमाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की तरफ से बुराड़ी के सत्संग मैदान पहुंचे राघव चड्ढा ने इंतजामों का जायजा लिया. उन्होंने कहा, "हम किसानों के लिए पानी के टैंकरों की तैनाती के लिए यहां आए हैं. आपसरकार किसानों के साथ खड़ी है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार उनकी देखभाल करेगी, "
टिकरी बॉर्डर पर पंजाब वाले किसान अभी भी रुक हुए हैं, बाकी किसान बुराड़ी चले गएटिकरी बॉर्डर पर कुछ किसान ट्रैक्टर और दूसरे वाहनों को लेकर बुराड़ी के लिए निकल गए हैं, लेकिन अभी भी बहुत किसान यहीं जमे हुए है. पंजाब वाले किसान रुके हुए हैं, रास्ता बंद है,बाकी किसान बुराड़ी चले गए हैं.
बुराड़ी जाने को तैयार नहीं किसानकिसानों ने अब सिंघू बार्डर पर NH-44 (जीटी करनाल रोड) ब्लॉक किया हुआ है. दिल्ली पुलिस के बार बार समझाने पर भी किसान बुराड़ी जाने को तैयार नहीं हैं.
डीसीपी की अगुवाई में बुराड़ी जाएंगे किसान
सिंधु बॉर्डर स्थित प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस अपने काफिले के साथ कुछ ही देर में निरंकारी ग्राउंड लेकर जाएगी. मनीषी चंद्रा (डीसीपी स्पेशल सेल) और अन्य अधिकारियों की अगुवाई में. प्रदर्शनकारियों को शिफ्ट करवाने के लिए एडीशनल डीसीपी अलाप पटेल नार्थ वेस्ट जिला पहले से निरंकारी ग्राउंड पर मौजूद है.
दिल्ली हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली के बुराड़ी मैदान जा रहे हैं
टिकरी बॉर्डर से अभी किसान बुराड़ी के लिए नही निकले हैं,वो कह रहे हैं जैसा उनके सीनियर नेता कहेंगे वैसा किया जाएगा.
सिंघू बार्डर पर किसानों ने बुराड़ी के संत निरकारी मैदान जाने से मना किया. किसान कह रहे हैं कि वह एनएच 1 को बंद करेंगे . "बुराड़ी के मैदान में ले जाकर उनका आंदोलन कमज़ोर करने की कोशिश है " किसान कह रहे हैं कि वो अगर मैदान गए तो क़ैद होकर रह जाएंगे
किसान प्रदर्शन: दिल्ली पुलिस को अस्थायी जेलों के रूप में स्टेडियमों के उपयोग की अनुमति नहीं
एजेंसी भाषा के अनुसार केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी आने वाले किसान प्रदर्शनकारियों के लिए शहर के स्टेडियमों का अस्थायी जेलों के रुप में उपयोग करने की अनुमति दिल्ली पुलिस को देने से आप सरकार ने शुक्रवार को इनकार कर दिया. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश के दौरान विरोध कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया. दिल्ली पुलिस के अनुरोध को खारिज करते हुए दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हर भारतीय नागरिक को शांतिपूर्वक विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है जिसके लिए उन्हें जेलों में नहीं रखा जा सकता. प्रमुख गृह सचिव को लिखे पत्र में जैन ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रदर्शनकारियों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए और किसानों को जेलों में डालना इसका समाधान नहीं है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आप सरकार से शहर के नौ स्टेडियमों को आंदोलनकारी किसानों के लिए अस्थायी जेलों के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी. एक सूत्र न कहा था, ''किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेलों के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देने को कहा है ताकि हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार किसानो को वहां रखा जा सके."