छोटे किसानों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी आर्थिक रूप से व्यवहारिक नहीं रहता : व्यास 

उन्होंने कहा कि वे अलग अलग अपने उत्पादों की बिक्री द्वारा उनका बेहतर मूल्य भी नहीं अर्जित कर पाते हैं.

छोटे किसानों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी आर्थिक रूप से व्यवहारिक नहीं रहता : व्यास 

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

जाने माने कृषि अर्थशास्त्री डॉ वी एस व्यास ने कहा है कि खेतों के विखंडन और असंगठन के कारण छोटे और सीमांत किसानों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी, अधिक फसल देने वाले बीजों और खाद का इस्तेमाल आर्थिक रूप से व्यवहारिक नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि वे अलग अलग अपने उत्पादों की बिक्री द्वारा उनका बेहतर मूल्य भी नहीं अर्जित कर पाते हैं. उन्होंने कृषि विपणन और उत्पादक संगठनों की भूमिका विषयक एक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषक उत्पादक संगठन के रूप में उन्हें कम मूल्य पर खेती के लिये बीज, खाद आदि पाने में मदद मिल सकती है व वे अपने उत्पादों का अधिक मूल्य हासिल कर सकते है.

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उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों के गठन द्वारा किसानों को समय पर और पर्याप्त वित्तीय सहायता, क्षमता निर्माण आदि सुलभ हो सकेगी. इन संगठनों की मदद से किसान अपने उद्यम बनाने में सक्षम हो सकेंगे और बाजार तक उनकी पहुंच आसान होगी. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक आर के थानवी ने कहा कि किसानों को संगठित करने और उनकी क्षमता निर्माण के लिये कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कृषक उत्पादक संगठन को सबसे उचित संस्था के रूप में पहचान की गई है.

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के केन्द्र सरकार के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कृषक उत्पादक संगठनों के गठन पर बल दिया जाना महत्वपूर्ण हो गया है. (इनपुट भाषा से)  
     


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