महाराष्ट्र : भगवान भरोसे समंदरी सरहद!

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की 720 किलोमीटर लंबी समंदरी सरहद अभी भी महफूज़ नहीं है। 26/11 हमले में मुंबई को लहूलुहान करने वाले आतंकी समंदर के रास्ते ही भारत आए थे। हमले के बाद वायदे तो बड़े-बड़े हुए, लेकिन ज़मीन पर ज्यादा काम नहीं, अब एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार समंदर की सीमा को फिर महफूज़ करने का वायदा कर रही है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने गिरगांव चौपाटी से वाशी तक समंदर में सफर करके तटीय सुरक्षा की समीक्षा की। दौरे के बाद उन्होंने कहा, मैंने तटीय सुरक्षा का जायजा लिया, कोस्ट गार्ड के साथ मैंने चर्चा की है, उनसे पूछा है कि कौन-कौन से अहम ठिकाने हैं, जहां सुरक्षा मज़बूत करने की जरूरत है। जल्द ही कोस्ट गार्ड, मरीन पुलिस और सरकार के लोग साथ में बैठेंगे और इसको मज़बूत बनाने के लिए जो कदम उठाने हैं, वह उठाएंगे।

मुंबई में 26/11 के आतंकी समंदर के रास्ते ही मुंबई में घुसे थे। हमले के बाद समंदरी सीमा को महफूज रखने के बड़े बड़े वायदे किए गए, हमले के बाद समंदर में कभी एंफिबिएन बोट दिखी, तो कभी स्पीड बोट, लेकिन 2011 में 29 दिन और 700 नॉटिकल माइल यानी लगभग 1300 किलोमीटर का सफर तय कर 1000 टन वजनी जहाज एमटी पावित ने बता दिया की सुरक्षा के दावे कितने खोखले हैं। इस दौरान ना मरीन पुलिस, ना नौसेना ना कोस्टगार्ड किसी को कानों-कान ख़बर नहीं हुई।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

पूरे महाराष्ट्र में करीब 720 किलोमीटर लंबा समुद्री किनारा है। इन पर बने छोटे बड़े सैकड़ों बंदरगाहों पर रोज़ हज़ारों कश्तियां आती जाती हैं। मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र के सभी किनारों पर नजर रखने के लिए 1358 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का प्रावधान है, जिसमें सिर्फ 470 पुलिसवाले 24 घंटे चौकसी करते हैं, 69 पेट्रोलिंग बोट में आधे से भी कम काम पर लगे हैं, 20 स्पीड बोटों में सिर्फ 7 से काम हो रहा है, बाकी ख़राब हैं। महाराष्ट्र में समंदरी सुरक्षा तीन स्तर की है, किनारे से पांच नॉटिकल माइल तक पुलिस, उसके बाद कोस्ट गार्ड, और गहरे समंदर में ज़िम्मेदारी नौसेना की है, इन तीनों को भेदने में आतंकी कामयाब हो चुके हैं बावजूद इसके सरकार हर बार सिर्फ वायदा करती दिख रही है, काम नहीं।