JNUSU अध्यक्ष कन्हैया कुमार हैदराबाद पहुंचे, यूनिवर्सिटी में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक

JNUSU अध्यक्ष कन्हैया कुमार हैदराबाद पहुंचे, यूनिवर्सिटी में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक

हैदराबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों पर काबू करते पुलिस कर्मी

हैदराबाद:

इस साल जनवरी महीने में दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय में बुधवार को एक बार फिर तनाव का माहौल है और ऐसे में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार यहां पहुंच गए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यहां पर मीडिया और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। मंगलवार के बवाल के बाद प्रशासन ने पहले ही क्लासेस सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी हैे।
 

(हैदराबाद पहुंचे कन्हैया कुमार)

मंगलवार को वीसी को उनके कार्यालय में छह घंटों तक कुछ छात्रों ने बंधक बनाकर रखा था और पुलिस के आने पर पथराव भी किया। इसके बाद पुलिस ने करीब 25 छात्रों को हिरासत में ले लिया गया है।

विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पा राव के दो महीने की छुट्टी के बाद वापस लौटने का छात्रों ने जमकर विरोध किया।

छात्रों ने कुलपति पर शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या का दोषी होने का आरोप लगाते हुए उनके आवास में ही बने दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ की और विश्वविद्यालय के इस शीर्ष अधिकारी को छह घंटों तक वहां बंधक बनाए रखा। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया और कुछ मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया।

आखिर में पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को वहां से हटाया। इस हंगामे के दौरान कथित रूप से एक महिला प्रोफेसर के सिर पर चोट आई, हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि यह कैसे चोट लगी।

कुलपति के संवाददाता सम्मेलन से कुछ मिनट पहले छात्रों ने उन पर हमला किया। कुलपति मीडिया को यह बताना चाहते थे कि उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। जब छात्रों को जानकारी मिली कि कुलपति अप्पा राव कार्यभार ग्रहण करने आ रहे हैं, तो छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। छात्रों ने राव की विश्वविद्यालय में वापसी को केंद्र सरकार का तानाशाही भरा रवैया करार देते हुए कहा कि राव को निष्कासित किया जाना चाहिए।

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उल्लेखनीय है कि रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान ही कुलपति अप्पा राव 24 जनवरी को छुट्टी पर चले गए थे। विभिन्न छात्र संगठनों के बैनर तले बनी सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति ने रोहित वेमुला सहित पांच दलित छात्रों के निलंबन के लिए कुलपति पी अप्पा राव, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, बंडारू दत्तात्रेय और अखिल भरतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ नेताओं को दोषी ठहराया था।