यह ख़बर 26 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

एआईईईई परीक्षा फिर से कराने की याचिका खारिज

खास बातें

  • अदालत ने इसे रद्द करने से इनकार करते हुए सीबीएसई को परीक्षा परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी जो एक सप्ताह के अंदर आने की संभावना है।
New Delhi:

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (एआईईईई) नए सिरे से आयोजित करवाने संबंधी एक याचिका को खारिज करते हुए इसके परीक्षा परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ कर दिया। गौरतलब है कि गत एक मई को एक प्रश्नपत्र लीक होने के बाद यह परीक्षा विवाद के घेरे में आ गई थी। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की अवकाशकालीन पीठ ने कुछ विद्यार्थियों और एनआईटी जमशेदपुर के सेवानिवृत्त प्राध्यापक एपी सिन्हा की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिका में सरकार को परीक्षा फिर से कराने का निर्देश देने की मांग की गई थी। सीबीएसई ने प्रश्नपत्र लीक होने के बाद नए सिरे से दो चरणों में परीक्षा आयोजित कराई थी। अदालत ने इसे रद्द करने से इनकार करते हुए सीबीएसई को परीक्षा परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी जो एक सप्ताह के अंदर आने की संभावना है। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि दोबारा परीक्षा कराये जाने पर कई छात्र इसमें शामिल नहीं हो सके थे और दो अलग अलग परीक्षाओं के आधार पर एक वरीयता सूची नहीं बनाई जा सकती। याचिकाकर्ताओं ने कहा, प्रदर्शन के आधार पर एक ही वरीयता सूची के लिए किसी भी रूप में दो अलग अलग परीक्षाओं का उल्लेख नहीं किया गया था। लेकिन बदलाव होने से प्रक्रिया अवैध, अनुचित, असंवैधानिक, स्वैच्छिक और स्पष्ट तौर पर सभी उम्मीदवारों के समानता के बुनियादी अधिकारों के विरुद्ध हो गयी। हालांकि अदालत ने दलील को स्वीकार नहीं किया और कहा कि परीक्षा में करीब 10 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था और नए सिरे से परीक्षा कराने पर उन्हें परेशानी होगी। परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के एक समूह ने एक मई को प्रश्नपत्र लीक होने के चलते तीन घंटे की देरी होने पर पहले और दूसरे चरण की दोनों परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी। उनका कहना था कि छात्र-छात्राओं को विपरीत हालात में परीक्षा देने पर मजबूर किया गया जो बुनियादी अधिकारों का हनन है। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि सरकार ने एआईईईई-2011 की परीक्षा दो बहुत अलग अलग हालात में कराई। एक तो विपरीत परिस्थिति, जिसमें परीक्षा के लिए आये कुल उम्मीदवारों में से 97 प्रतिशत ने अव्यवस्था में परीक्षा दी, वहीं दूसरा यह कि महज 3 प्रतिशत उम्मीदवारों को अनावश्यक हितकारी स्थिति में 11 मई को परीक्षा देने की इजाजत दी गई। एक मई को प्रश्नपत्र लीक होने के बाद परीक्षा में तीन घंटे की देरी हुई। परीक्षा पहले सुबह साढ़े नौ बजे होनी थी लेकिन उसी दिन दोपहर में 12 बजे कराई गई। अगले दिन सरकार ने अधिसूचना जारी की कि एआईईईई परीक्षा 11 मई को केवल उन उम्मीदवारों के लिए दोबारा कराई जाएगी जो एक मई को शामिल नहीं हो सके थे। खबरों के मुताबिक लखनऊ में लीक किया हुआ प्रश्नपत्र बेचा जा रहा था और उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल ने इस बाबत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।


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