पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 'हनुमान' को अब तक नहीं बताई गई उनके निधन की खबर

मानवेंद्र ने बताया कि मेरे पिता हमेशा अटल-आडवाणी की दोस्ती का जिक्र करते थे. वह कहते थे कि इतने लंबे समय तक एक दूसरे के प्रति परस्पर विश्वास, पारदर्शिता वाली दोस्ती भारतीय राजनीति में कभी नहीं देखी गई

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 'हनुमान' को अब तक नहीं बताई गई उनके निधन की खबर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ( फाइल फोटो )

खास बातें

  • वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे जसवंत सिंह
  • चार साल से हैं बीमार
  • वाजपेयी सरकार में थी संकटमोचक की भूमिका
नई दिल्ली:

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी  की कैबिनेट में मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने कहा है कि वह अभी तक अपने पिता को नहीं बता पाये हैं उनके सच्चे दोस्त अटल जी अब नहीं रहे. बाड़मेर से बीजेपी विधायक मानवेंद्र सिंह ने एनडीटीवी के लिये लिखे एक ब्लॉग में अपने पिता और वाजपेयी से जुड़ी कई बातों को याद किया है. मानवेंद्र ने कहा कि अटल जी की सरकार में उनके पिता 'संकटमोचक' की भूमिका थे और वाजपेयी उनको मजाक में 'हनुमान' कहते थे. मानवेंद्र ने बताया कि जिन्ना पर लिखी किताब पर हुये बयान के बाद जब उनके पिता को पार्टी से निकाला गया तो सिर्फ वाजपेयी ने उनको फोन करके बुलाया था और इस फैसले के खिलाफ गुस्सा और दर्द जाहिर किया. वाजपेयी उन दिनों बीमार थे. वह बहुत ही उदास थे और जो उन्होंने उस समय मेरे पिता से कहा उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. 

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​(जसवंत सिंह वाजपेयी सरकार में संकटमोचक की भूमिका निभाते थे)

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मानवेंद्र ने बताया कि मेरे पिता हमेशा अटल-आडवाणी की दोस्ती का जिक्र करते थे. वह कहते थे कि इतने लंबे समय तक एक दूसरे के प्रति परस्पर विश्वास, पारदर्शिता वाली दोस्ती भारतीय राजनीति में कभी नहीं देखी गई. यह दोस्ती वैचारिक प्रतिबद्धता, निजी संतुलन के दम पर 60 सालों से ज्यादा समय से सुख-दुख में एक समान चल रही है.  

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मानवेंद्र बताया कि उनके पिता इस समय बीमार हैं और अभी तक उनको वाजपेयी के रहने के बारे में नहीं बताया गया है इससे उनकी हालत पर असर पड़ सकता है. आपको बता दें कि वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह विदेश मंत्री और वित्तमंत्री रहे थे. चार साल पहले उनको ब्रेन हेमरेज हुआ था उसके बाद वह कोमा में चले गये थे तब से वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं.

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