AIPMT : सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द की, 4 हफ्ते में दोबारा होगा एग्‍जाम

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट यानि AIPMT की परीक्षा रद्द कर दी है। आंसर शीट लीक होने के बाद परीक्षा को दोबारा करवाने की मांग करती याचिका पर अपना अहम फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह चार हफ्ते में दोबारा परीक्षा कराए। साथ ही इससे संबंधित सभी संस्‍थानों से कहा कि वह सीबीएसई को दोबारा परीक्षा आयोजित कराने में मदद करें। इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई है। परीक्षा आयोजित कराने वाले सभी संस्थानों के लिए जरूरी है कि वो इस मामले में सुरक्षित प्रणाली अपनाकर जनता और छात्रों में भरोसा पैदा करे। यह परीक्षा भविष्य में बनने वाले डॉक्टरों से जुड़ी है, जो जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे, इस मामले में उनकी योग्यता के साथ समझौता नहीं हो सकता।

कोर्ट ने कहा, हम जानते हैं कि इस फैसले से परीक्षा कराने वालों को परेशानी होगी और कुछ वक्त भी लगेगा, लेकिन परीक्षा की मान्यता, विश्वसनीयता और सही छात्रों के लिए ये कीमत कुछ भी नहीं है।

3722 सीटों के लिए बीते 3 मई को 6.3 लाख छात्र परीक्षा में बैठे थे। अब चार हफ्ते में परीक्षा दोबारा होने से नया सत्र शुरू होने में देरी होगी। इसके बाद ही दाखिले की प्रकिया शुरू हो पाएगी।

यह विवाद तब शुरू हुआ, जब हरियाणा के रोहतक में पुलिस ने कुछ लोगों को आंसर शीट के साथ गिरफ़्तार किया। इसके बाद कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर परीक्षा दोबारा कराए जाने की मांग की थी।

बीते 12 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद मामले में 15 जून तक अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए परीक्षा के आंसर लीक होने पर सीबीएसई को जमकर लताड़ लगाई थी। न्‍यायालय ने कहा था, ''आपका पूरा सिस्‍टम फेल है और आपका परीक्षा सिस्‍टम  भी पूरी तरह पुराना हो चुका है। अब सूचना प्रोद्योगिकी के जमाने में आपको परीक्षा के नए तरीके अपनाने होंगे। साथ ही न्‍यायालय ने बोर्ड के वकील से कहा, अगर एक भी गलत शख्‍स को एडमिशन मिल जाता है तो क्‍या हम दिन रात मेहनत करने वाले अपने होनहार छात्रों का बलिदान नहीं दे रहे हैं?''

हरियाणा पुलिस की SIT ने 12 जून को सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की थी। पुलिस ने अपनी स्टेट्स रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि देश भर के एक दर्जन परीक्षा केंद्रों पर 44 लाभार्थियों को आंसर की हासिल हुई। में मिले। छह एक्सपर्ट ने बहरोड़ के एक रिसोर्ट के तीन कमरों में बैठकर 15 मिनट में ही पेपर हल कर दिया था।

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देश भर में विभिन्न स्थानों पर 17 टीमों ने छापेमारी की। पेपर में नकल के लिए फर्जी आईडी पर 72 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने ये भी दावा किया कि इनकी संख्या और भी बढ सकती है क्योंकि जांच में 358 सिम इसेमाल करने की पुष्टि हुई है।