वायु सेना की जरूरत के लिए राफेल जेट पर्याप्त नहीं, स्वेदश निर्मित हथियार लाएंगे बदलाव : वायु सेना प्रमुख

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायु सेना में जल्द ही शामिल होने जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमान अकेले वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं होंगे.

वायु सेना की जरूरत के लिए राफेल जेट पर्याप्त नहीं, स्वेदश निर्मित हथियार लाएंगे बदलाव : वायु सेना प्रमुख

वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया (फाइल फोटो)

नई दिल्ली :

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायु सेना में जल्द ही शामिल होने जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमान अकेले वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं होंगे. ‘एयर पॉवर इन नो वार नो पीस सिनेरियो' विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भदौरिया ने कहा कि कम परंपरागत क्षेत्रों में वायु सेना का इस्तेमाल पहले निषिद्ध माना जाता था और इस दिशा में बालाकोट एयर स्ट्राइक से आमूल चूल बदलाव आया. स्वदेश निर्मित शस्त्रों के विकास की जरूरत पर जोर देते हुए भदौरिया ने कहा कि यदि अगले हवाई संघर्ष में वायु सेना द्वारा इस्तेमाल हथियार और मिसाइल स्वदेश निर्मित होते हैं तो पूरा परिदृश्य बदल जाएगा.

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उन्होंने कहा, ‘‘36 राफेल विमान अकेले वायु सेना की जरूरत को पूरा नहीं करेंगे. हमें वायु शक्ति के बेहतर प्रयोग के लिए सुखोई 30 विमानों पर स्वदेश निर्मित अस्त्र मिसाइल तथा मिग-29 जैसे अन्य लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करने की क्षमता की जरूरत है.'' हालांकि उन्होंने कहा कि मीटियॉर मिसाइल से युक्त 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत की वायु क्षमताओं को बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन और भी समाधान चाहिए होंगे. हम वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए केवल राफेल विमानों में मीटियॉर श्रेणी पर निर्भर नहीं रह सकते.

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अहम होगा कि राफेल पर यह क्षमता अन्य मंचों पर इस तरह की क्षमताओं से पूरी की जाए और हमें इस दिशा में बहुत काम करना होगा.'' वायु सेना प्रमुख ने यह भी कहा, ‘‘कारगिल के समय हमें दृश्यता से अधिक दूरी तक मिसाइल की क्षमता के मामले में पाकिस्तान की वायु सेना पर बढ़त प्राप्त थी. हमने उसे ऐसे ही जाने दिया और बेहतर क्षमता हासिल करने के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए डेढ़ दशक लगा.''

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