प्रदूषण रोकने की कवायद का नहीं है कोई असर, दिल्ली के इन इलाकों में हवा बेहद जहरीले स्तर पर

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव में भी वायु गुणवत्ता का स्तर गुरुवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी का दर्ज किया गया.

प्रदूषण रोकने की कवायद का नहीं है कोई असर, दिल्ली के इन इलाकों में हवा बेहद जहरीले स्तर पर

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से यह रिपोर्ट जारी की गई है

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को बेहद खराब होकर ‘गंभीर' स्तर पर पहुंच गई. दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट के कई हिस्सों के सुलगने के कारण भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई.   केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 358 पर दर्ज किया जो ‘बेहद खराब' श्रेणी में आता है. उल्लेखनीय है कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई ‘‘अच्छा'' माना जाता है, 51 और 100 के बीच ‘‘संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ‘‘मध्यम'' श्रेणी का, 201 और 300 के बीच ‘‘खराब'', 301 और 400 के बीच ‘‘बेहद खराब'' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘‘गंभीर'' माना जाता है. केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली ने भी एक्यूआई ‘बेहद खराब' श्रेणी का दर्ज किया. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव में भी वायु गुणवत्ता का स्तर गुरुवार को ‘बहुत खराब' श्रेणी का दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया था लेकिन बुधवार को यह फिर से गिरकर ‘बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया. 

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​( प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)

दिल्ली दमकल सेवा के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि भलस्वा लैंडफिल का कुछ हिस्सा सुलग रहा है और दमकल की एक गाड़ी वहां तैनात की गई है. डीएफएस के अधिकारी ने बताया कि लैंडफिल स्थल पर 20 अक्टूबर को आग लगी थी. हालांकि मंगलवार शाम तक आग पर कुछ हद तक काबू पा लिया गया. इस बीच, दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को अपने सभी चार जोन में रात को गश्त करके कचरा और पत्तियां जलाने की घटनाओं को रोकने पर काम तेज करने का फैसला किया.

(इनपुट : भाषा से भी)

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