यह ख़बर 17 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

चुनाव से पहले पीएम पद का उम्मीदवार पेश करे कांग्रेस : जोगी

खास बातें

  • छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने कहा कि कांग्रेस को यह अहसास होना चाहिए कि एक राष्ट्रीय पार्टी को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों महत्वाकांक्षाएं पूरी करनी है।
नई दिल्ली:

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कहा कि पार्टी को विधानसभा चुनावों से पहले नेता का नाम पेश न करने की आम प्रवृत्ति अब त्याग देना चाहिए।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने कहा कि कांग्रेस को यह अहसास होना चाहिए कि एक राष्ट्रीय पार्टी को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों महत्वाकांक्षाएं पूरी करनी है।

उन्होंने कहा ‘एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते प्रत्येक राज्य में हम संतुलन बनाए बिना सफल नहीं होंगे।’ जोगी चाहते हैं कि कांग्रेस भी 15 माह बाद होने जा रहे लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दे।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को विधानसभा चुनावों से पहले नेता पेश करना चाहिए, उन्होंने कहा ‘यह मेरी निजी राय है कि निर्णय राज्यवार लिया जाना चाहिए और एक आम नियम का पालन नहीं करना चाहिए।’ जोगी ने कहा ‘प्रत्येक राज्य में परिस्थितियों के अनुसार, हमें नेता की घोषणा करना चाहिए या नहीं करना चाहिए। हमने हिमाचल प्रदेश में नेता पेश किया और परिणाम भी मिला जबकि पहले हम नेता को पेश नहीं करते थे फिर भी हमें नतीजे मिलते थे।’

67 वर्षीय नेता ने कहा कि पार्टी में नेता को पेश न करना आम चलन रहा है। निर्वाचित विधायकों की राय लेने के बाद पर्यवेक्षक भेजे जाते हैं और फिर अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।

हालिया वर्षों में यह पहला मौका है जब किसी कांग्रेस नेता ने इस मुद्दे पर खुल कर बोला है। करीब एक दशक पहले मध्यप्रदेश से अलग हो कर जब छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया था तो जोगी इस राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। इस साल के आखिर में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं।

जोगी से पूछा गया कि क्या कांग्रेस को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए। इस पर उनका जवाब सकारात्मक था। उन्होंने कहा ‘हमें कहना चाहिए कि देश का अगला नेता नेहरू गांधी परिवार से होगा। यह मेरी निजी राय है।’ उन्होंने कहा ‘कांग्रेस में ज्यादातर लोगों को लगता है कि समय आ गया है और उन्हें देश का नेतृत्व करना चाहिए और सब कुछ परिवार की पसंद पर निर्भर होगा। अगर वह चाहें, तो लोग उन्हें हाथोंहाथ लेंगे। अगर वे न चाहें तो आप कुछ नहीं कर सकते।’

जोगी ने कहा कि तेलंगाना मुद्दे पर जल्द निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस के लिए आंध्रप्रदेश एक प्रमुख राज्य है।

जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो जोगी इसके राष्ट्रीय प्रवक्ता थे। उनसे भविष्य में गठबंधन के बारे में पूछने के साथ-साथ सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस को सभी पूर्व पार्टी सदस्यों को वापस आने के लिए कहना चाहिए। लेकिन उन्होंने जवाब टाल दिया।

जोगी ने कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अगुवाई में एक समिति बनाई है जो इस मामले पर विचार कर रही है। समिति ही चुनाव पूर्व और चुनाव के बाद के सहयोगियों के बारे में फैसला करेगी और अंतिम मंजूरी के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष तथा अध्यक्ष को इसे सौंपेगी।

पार्टी में चर्चा है कि चुनाव पूर्व गठबंधन केवल महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और झारखंड सहित कुछ गिनेचुने राज्यों में ही होगा। जोगी को लगता है कि अगर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाते हैं तो कांग्रेस को कोई खतरा नहीं होगा।

उन्होंने कहा ‘मेरी राय में मोदी राष्ट्रीय नेता नहीं हैं। भारत समर्थकों में उनकी स्वीकार्यता नहीं है। जबकि हमारा नेतृत्व हकीकत में अखिल भारतीय नेता की हैसियत रखता है, चाहे वह सोनिया गांधी हों या राहुल गांधी, वे पूरे देश के नेता हैं, किसी राज्य या क्षेत्र के नहीं।’ जोगी ने कहा ‘मोदी गुजरात के नेता के तौर पर देखे जाते हैं। उन्हें अन्य राज्यों में अभी स्वीकार्यता हासिल करनी है। वर्ष 2002 के दंगे देश को उन्हें स्वीकारने की अनुमति कभी नहीं देंगे।’

उन्हें यह भी लगता है कि अगले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को फायदा होगा क्योंकि भाजपा में सब कुछ व्यवस्थित नहीं है।

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जोगी ने कहा ‘वे अपने नेता, नीतियों आदि पर निर्णय करने की स्थिति में नहीं हैं, पार्टी में खुली बगावत हो रही है और वह एक एक कर राज्यों में हारती जा रही है.. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड.. कर्नाटक में वह हारने वाले हैं क्योंकि वहां उनकी हालत बहुत खराब है। मुझे गंभीरता से लगता है कि हम प्रतिस्पर्धी नहीं हैं।’