UP elections: अखिलेश की हुई SP2.0, अब अमर और शिवपाल का क्‍या होगा...

UP elections: अखिलेश की हुई SP2.0, अब अमर और शिवपाल का क्‍या होगा...

अमर सिंह इलाज के लिए विदेश चले गए हैं

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग द्वारा अखिलेश यादव को 'साइकिल' सिंबल देने के बाद सियासी गलियारों में अमर सिंह और शिवपाल यादव के सियासी भविष्‍य पर कयास लगाए जा रहे हैं. राजनीतिक विश्‍लेषकों के मुताबिक आयोग द्वारा अखिलेश के पक्ष में फैसला सुनाने से यह पूरी तरह स्‍पष्‍ट हो गया है कि अखिलेश गुट के एक जनवरी को बुलाए गए विशेष अधिवेशन को भी मान्‍यता मिल गई है. यानी कि उस दिन अधिवेशन में जो फैसले लिए गए, वो सारे सही माने जाएंगे.

उस दिन मुख्‍य रूप से तीन प्रस्‍ताव पारित हुए थे. उसके तहत अमर सिंह को उस दिन पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखा गया था. यानी कि अब अमर सिंह सपा से बाहर माने जाएंगे. यह भी माना जा रहा है कि अमर सिंह को अखिलेश यादव के पक्ष में फैसला आने का आभास हो गया था, संभवतया इसीलिए फैसला आने से पहले ही वह ब्रिटेन चले गए. इस संबंध में उन्‍होंने कहा था कि वह अपने इलाज के लिए ब्रिटेन जा रहे हैं और उसके बाद सिंगापुर जाएंगे. उन्‍होंने यह भी कहा था कि दरअसल सपा में झगड़े के बीच उनको अपना इलाज बीच में ही रोककर स्‍वदेश लौटना पड़ा था और अब वह उसको पूरा करने के लिए जा रहे हैं. उनके मार्च के अंत तक स्‍वदेश लौटने की संभावना है.

शिवपाल का गया सियासी रसूख
राजनीतिक विश्‍लेषकों के मुताबिक सबसे ज्‍यादा सियासी नुकसान शिवपाल यादव का हुआ है. एक समय में सपा के सबसे कद्दावर चेहरा माने जाने वाले शिवपाल अब महज एक आम कार्यकर्ता बनकर पार्टी में रह गए हैं. पहले अखिलेश मंत्रिमंडल में मुख्‍यमंत्री के बाद सबसे ज्‍यादा विभाग शिवपाल के पास ही थे लेकिन जब पिछले सितंबर में अखिलेश को हटाकर मुलायम सिंह ने शिवपाल को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया तो पलटवार करते हुए अखिलेश ने उनसे सारे विभाग छीन लिए थे. एक जनवरी को अखिलेश खेमे के विशेष अधिवेशन में दूसरे प्रस्‍ताव के तहत शिवपाल यादव को प्रदेश अध्‍यक्ष के पद से हटा दिया गया था. उसके बाद इनकी जगह नरेश उत्‍तम को सपा का प्रदेश अध्‍यक्ष बना दिया गया था. अब शिवपाल के पास पार्टी और सरकार में कोई पद नहीं बचा है.

इन नेताओं का बढ़ा कद
मुलायम सिंह के कजिन रामगोपाल यादव ने खुलकर इस लड़ाई में अखिलेश यादव का समर्थन किया. मुलायम सिंह ने उनको दो बार पार्टी से बाहर भी निकाला लेकिन वह पीछे नहीं हटे. मुलायम सिंह ने आरोप भी लगाया कि उन्‍होंने ही अखिलेश को बरगलाया और पार्टी में कलह के लिए उनको जिम्‍मेदार ठहराया. लेकिन जिस तरह से उन्‍होंने अखिलेश के पक्ष में दांव चले और उनकी राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के रूप में ताजपोशी कराने में अहम भूमिका निभाई, उससे साफ है कि अब उनका सियासी कद बढ़ेगा. मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल के साथ किरणमय नंदा और नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से बाहर कर दिया था. अब अखिलेश के पक्ष में फैसला आने के बाद इनका निष्‍कासन खुद ही रद माना जाएगा और इनकी सियासी कद भी बढ़ेगा.      

 


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