गोरक्षा के नाम पर हुए पहलू खान हत्याकांड के सभी आरोपियों को CID ने दी क्लीनचिट

जांच में सीआईडी ने सभी को बरी कर दिया. गौर करने वाली बात यह है कि पहलू खान ने इन सभी का नाम मरने से पहले पुलिस के सामने लिया था.

गोरक्षा के नाम पर हुए पहलू खान हत्याकांड के सभी आरोपियों को CID ने दी क्लीनचिट

फाइल फोटो

खास बातें

  • अलवर में हुई थी पहलू खान की हत्या
  • पहलू खान राजस्थान से हरियाणा जा रहे थे
  • गोरक्षा के नाम पर हुई थी हत्या
जयपुर:

कुछ महीने पहले राजस्थान के अलवर में गोरक्षा के नाम पर पीट-पीट कर मार दिए गए व्यापारी पहलू खान हत्याकांडके सभी 6 आरोपियों को क्लीनचिट दे दी गई है. जांच में सीआईडी ने सभी को बरी कर दिया. गौर करने वाली बात यह है कि पहलू खान ने इन सभी का नाम मरने से पहले पुलिस के सामने लिया था. सीआईडी के मुताबिक घटना के वक्त सभी आरोपी जगमाल यादव की राठ गोशाला में थे जो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर है. इन सभी के कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल की लोकेशन से भी इन बयानों की पुष्टि की गई. जांच अधिकारी ने इन निष्कर्षों के आधार पर सभी आरोपियों को आरोपमुक्त किया है. 

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वहीं सीआईडी की ओर से किए गए इस फैसले पर पहलू खान के बेटे इरशाद खान ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा 'मैं उस वक़्त अपने अब्बा (पहलू खान) के साथ थे. आरोपी एक दूसरे का नाम लेकर बुला रहे थे जिस वजह से अब्बा ने बयान में इनका नाम लिए. 6 नाम हमें भी साफ़ तौर पर याद हैं. इन्हीं 6 लोगों ने ही हमें रोका था और मारपीट की शुरूआत भी इन्होंने ही की थी. हम इन्हें काग़ज दिखा रहे थे पर इन्होंने काग़ज़ फाड़ दिया और पीटने लगे.'

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इरशाद खान ने दावा किया 'मरने से पहले ये बयान हमारे अब्बा ने दिया था जिसको ये ग़लत साबित करनें में लगे हुए हैं. पुलिस इनको बचाने में लगी हुई है ये लोग बजरंग दल और आरएसएस के लोग हैं. हार नहीं मानेंगे हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे मरते दम तक लड़ते रहेंगे. 6 महीने में इन 6 लोगों की ग़िरफ़्तारी भी नहीं की और इन्हें बरी कर दिया.  मेरे सामने मेरे अब्बा को जान से मार दिया मेरा जीना ही बेकार है.'

वीडियो : गोरक्षा के नाम पर क्यों हो रही है हिंसा
आपको बता दें कि पहलू खान राजस्थान से पशुओं को लेकर हरियाणा के नूह ले जा रहे थे. रास्ते में उनको अलवर के पास रोक लिया गया. पहलू खान के साथ उनका बेटा भी था. आरोपियों ने उनको लोडर से उतार लिया और गोरक्षा के नाम पर मारपीट शुरू कर दी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा था. हालांकि इसके बाद भी गोरक्षा के नाम पर इस तरह की कई घटनाएं सामने आती रही हैं. 
 


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