हेराल्ड केस : कांग्रेस के आक्रामक तेवर से मुकाबले के लिए बीजेपी ने आगे किया मंत्रियों का कुनबा

हेराल्ड केस : कांग्रेस के आक्रामक तेवर से मुकाबले के लिए बीजेपी ने आगे किया मंत्रियों का कुनबा

नई दिल्ली:

नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे एवं पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर लगे आरोपों को लेकर सोनिया गांधी और उनकी पार्टी संसद में बेहद अक्रामक रुख में दिखी और केंद्र पर 'राजनीतिक प्रतिशोध' का आरोप लगाया। इन आरोपों से मुकाबले करने के लिए बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने मंत्रियों का एक पूरा कुनबा लगा दिया है।

कांग्रेस के आरोपों पर जवाबी हमले का नेतृत्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किया और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ समन को स्थगित नहीं करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से सरकार या संसद का कोई लेना-देना नहीं। राज्यसभा में उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं।

'बनाना रिपब्लिक नहीं है भारत'
जेटली ने कहा, 'सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है... संसद का भी इसमें क्या काम? निजी तौर पर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई और सरकार पूरे मामले में कहीं है ही नहीं। हाईकोर्ट ने उनके मामले को खारिज कर दिया और उनसे सुनवाई का सामना करने को कहा। इस देश में किसी को भी कानून से छूट नहीं है। वे उच्चतर अदालतों में आदेश को चुनौती दे सकते हैं या कार्यवाही का सामना कर सकते हैं।

इस मुद्दे पर संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जेटली ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पार्टी नेताओं को अदालतों का सामना करने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत कोई 'बनाना रिपब्लिक' नहीं है, जहां संसद या मीडिया ऐसे मामलों में दोषी या निर्दोष का फैसला कर सकती है।

'मैं इंदिरा की बहू, किसी से डरती नहीं'
इससे पहले सोनिया गांधी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था, 'मैं इंदिरा गांधी की बहू हूं और किसी से डरती नहीं।' वहीं बारिश की मार झेल रहे तमिलनाडु के दौरे पर गए राहुल गांधी इस मामले में राजनीतिक बदले का आरोप लगाया।

कांग्रेस अध्यक्ष के इन आरोपों की प्रतिक्रिया में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने जवाबी प्रहार किया। उन्होंने कहा, 'कौन नहीं जानता कि वह इंदिरा गांधी की बहू हैं? अगर उनके पास सबूत है कि किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ है, तो फिर वह अदालत से डर क्यों रही हैं?'

'कांग्रेस का विरोध बेमानी'
इस मामले में एक के बाद एक केंद्र के कई मंत्री यह दोहराते दिखे कि अदालत के फैसले का सरकार से कोई लेना-देना नहीं और कांग्रेस का विरोध बेमानी है। केंद्रीय विधि मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा, 'क्या सरकार कभी अदालत को निर्देशित कर सकती है...'  गौड़ा ने कहा कि केवल हंगामा करने से कोई मकसद हल नहीं होता और विपक्ष के इस प्रकार के रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते हैं, 'प्रथम दृष्टया यह विश्वास हनन का आपराधिक मामला है।'

संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संसद भवन परिसर में कहा, उन्हें अदालत में मामला लड़ना चाहिए। आप सरकार को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। यह पूरी तरह अनुचित और गैरजिम्मेदाराना है। वे सचाई का सामना नहीं कर सकते इसलिए सरकार के सिर दोष मढ़ रहे हैं।' तो वहीं संसदीय मामलों के राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में कार्यवाही को बाधित करने का सोनिया गांधी पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका अनुमान है कि न्यायालय की किसी बात को लेकर कांग्रेस सदस्य आंदोलित हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले से सरकार का या सदन का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सुबह से कांग्रेस सदस्य इस मामले को लेकर आक्रोशित और उत्तेजित हैं, लेकिन उनका कोई नेता यह बोलने को तैयार नहीं है कि मामला क्या है।

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'कांग्रेस मुक्त भारत चाहती है बीजेपी'
बीजेपी के इन प्रत्यारोपों का कांग्रेस नेताओं ने भी जवाब दिया। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने नेशनल हेराल्ड मामले का नाम लिए बिना कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के घर पर उस दिन छापा पड़ा, जिस दिन उनकी बेटी की शादी थी। और कल की घटना उससे अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार 'राजनीतिक प्रतिशोध' की भावना से काम कर रही है। वहीं कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं और वकीलों कपिल सिब्बल, अभिषेक मनुसिंघवी तथा रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी 'कांग्रेस मुक्त' भारत चाहती है और इसीलिए ऐसे मामले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आगे बढ़ाए जा रहे हैं।