आर्मी चीफ के चयन में किसी प्रक्रिया की अवहेलना नहीं हुई : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

आर्मी चीफ के चयन में किसी प्रक्रिया की अवहेलना नहीं हुई : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का फाइल फोटो...

खास बातें

  • रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रकिया कहीं नहीं कहती कि वरिष्ठता पैमाना होगी.
  • सेना प्रमुख के चयन में किसी प्रक्रिया की अवहेलना नहीं हुई: मनोहर पर्रिकर
  • पहली बार तेजस का उत्पादन तेज़ी से हो रहा है : पर्रिकर
नई दिल्‍ली:

सेना प्रमुख के चयन को लेकर पहली बार रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपनी चुप्‍पी तोड़ते हुए कहा है कि 'मुझे नहीं मालूम कि वरिष्ठता को लेकर कोई सिद्धांत लिखा हुआ है. आर्मी चीफ के लिए सभी उम्मीदवार (लेफ्टिनेंट जनरल) बहुत अच्छे थे. इसीलिए चयन में देरी हुई'.

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रकिया कहीं नहीं कहती कि वरिष्ठता पैमाना होगी. यदि ऐसा होगा तो यह सिर्फ एक कंप्यूटर जनित प्रक्रिया हो जाएगी. फिर किसी का आकलन करने, आईबी की रिपोर्ट्स मंगवाने और तमाम आधार देखने की क्या ज़रुरत रह जाएगी. फिर तो केवल आपकी जन्मतिथि ही आपके सेना प्रमुख बनने का आधार बनेगी. आप चयन के लिए पूरा प्रोसिजर पढ़िए. इसमें किसी प्रक्रिया की अवहेलना नहीं हुई है'.

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, पिछले दो सालों में रक्षा विभाग ने कई अहम मुद्दों का समाधान किया है. अब तक 19 लाख 70 हज़ार को ओआरओपी की पेंशन दी जा चुकी है. ओआरओपी के कुल 99 प्रतिशत एलिजिबल केस जनवरी तक एड्रेस कर लिए जाएंगे.
 
पर्रिकर ने कहा कि इस साल 95 प्रतिशत की रक्षा खरीद, जोकि लगभग 95,000 करोड़ की है, वो या तो मेक इन इंडिया के तहत है या फिर IDDM (Indigenously Designed and Developed Manufacturing) के अंतर्गत है. डीआरडीओ ने यह सुनिश्चित किया है कि उनके सारे प्रोजेक्ट सही हों, अग्नि, अस्त्र आदि.

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि गोला-बारूद की कमी, हथियारों के उत्पादन की क्षमता आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड में इस साल बढ़ी है. अब पहले की तरह नहीं है, जब वाहन ज़्यादा बनाये जाते थे. सेना के पास इस बात की पूरी ताकत दे दी गई है कि वाईस चीफ अगर कमी पाएं तो खरीदें. रायफलों की ज़रूरतों पर उन्‍होंने कहा कि अर्जेंट ऑपरेशनल ज़रुरतों के लिए स्पेशल फोर्सेज को फ़ास्ट ट्रैक के ज़रिए इसकी अनुमति दे दी गई है. ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को नई डिज़ाइन का विकास करने के लिए 4 महीने दिए गए हैं.

इसके साथ ही मिडल वेट एयरक्राफ्ट की आवश्यकता पर पर्रिकर ने बताया कि पहली बार तेजस का उत्पादन तेज़ी से हो रहा है. भारत को एक सिंगल इंजन फाइटर एयरक्राफ्ट की ज़रुरत होगी, इसके लिए हम स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप मॉडल रुट का प्रयोग करेंगे, जोकि फाइनल होने वाला है. उन्‍होंने यह भी कहा कि सुखोई विमानों की उपलब्धता 64 प्रतिशत हो गई है.

वहीं, अग्नि-5 की पूरी सफलता को लेकर उन्‍होंने कहा कि अग्नि-5 का परीक्षण सभी पैरामीटर्स पूरी तरह सफल रहा है. हालांकि इसको लेकर चीन की आपत्ति पर उन्‍होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. राफेल की अतिरिक्त खरीद के बारे में मीडिया में लगाए जा रहे कयासों को उन्‍होंने काल्पनिक बताया.


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