अगस्ता वेस्टलैंड केस: बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर केस (AgustaWestland Case) का कथित बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल (Christian Miche) को सीबीआई कस्टडी से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

अगस्ता वेस्टलैंड केस: बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

क्रिश्चियन मिशेल को 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया.

खास बातें

  • सीबीआई हिरासत से न्यायिक हिरासत में भेजा गया मिशेल
  • दिल्ली की अदालत ने 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा
  • मिशेल की जमानत याचिका पर फैसला 22 दिसंबर तक सुरक्षित
नई दिल्ली:

अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर केस (AgustaWestland Case) का कथित बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल (Christian Miche) को सीबीआई कस्टडी से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली की कोर्ट ने मिशेल को 28 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है. 14 दिन की सीबीआई हिरासत के बाद मिशेल को स्पेशल जज अरविंद कुमार की अदालत में पेश किया गया था, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया. इससे पहले आज ही अदालत ने क्रिश्चयन मिशेल की जमानत याचिका पर फैसला 22 दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया. मिशेल के खिलाफ आरोपपत्र भी दायर किया जा चुका है. ब्रिटिश नागरिक मिशेल (57) ने विशेष जज अरविंद कुमार से कहा कि पूछताछ के लिए उसे अब और हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है तथा इससे कोई लाभ नहीं होगा.

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मिशेल के वकील एके जोसेफ ने अदालत से कहा, 'मेरा हस्तलेख लिया जा चुका है. सीबीआई के पास उसका मिलान करने के लिए कोई ओरिजनल दस्तावेज नहीं है. मैंने स्वेच्छा से सभी दस्तावेज मुहैया कराने को कहा है. मिशेल 15 दिन तक सीबीआई की हिरासत में था. उसे संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार किया गया था और 4 दिसंबर को भारत प्रत्यर्पित किया गया था. इसके अगले दिन उसे अदालत में पेश किया गया था. अदालत ने मिशेल को पहले पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा था और बाद में इसकी अवधि बढ़ा दी थी.

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मिशेल इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है. इस मामले की जांच सीबीआई और प्रर्वतन निदेशालय कर रहे हैं. अन्य दो आरोपी गुइदो हास्के और कार्लो गेरोसा हैं. मिशेल के खिलाफ अदालत से गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद दोनों एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया था. सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मिशेल भाग सकता है क्योंकि प्रत्यर्पण से पहले भी उसने दुबई से भागने की कोशिश की थी. 

 

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जांच एजेंसी ने कहा कि मिशेल प्रभावशाली व्यक्ति है, जिसके संबंध मंत्रालय के लोगों, नौकरशाहों और नेताओं से हैं, इनमें से कई मामले में गवाह हैं. एजेंसी ने कहा, ''हम उसे बहुत मुश्किल से लेकर आए हैं. कुछ नए तथ्य सामने आए हैं और हमें उनपर काम करने की जरूरत है. वह सहयोगात्मक रवैये वाला गवाह नहीं है. बहुत से तथ्यों को निकालना है. उसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है. उसके पास संपत्ति है, लेकिन उसे बेचकर वह दूर जा सकता है. 

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(इनपुट: भाषा)