किसानों के साथ उनके स्कूली बच्चे भी कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में डटे, साथ ही पढ़ाई भी कर रहे

दिल्ली और हरियाणा के सिंघू बार्डर पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है, जहां पुरूष किसानों के अलावा महिलाओं की भी भागीदारी है. वहीं काफ़ी तादाद में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी अपने मां बाप के साथ आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. 

किसानों के साथ उनके स्कूली बच्चे भी कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में डटे, साथ ही पढ़ाई भी कर रहे

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी अपने मां बाप के साथ आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. 

नई दिल्ली:

दिल्ली और हरियाणा के सिंघू बार्डर पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है, जहां पुरूष किसानों के अलावा महिलाओं की भी भागीदारी है. वहीं काफ़ी तादाद में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी अपने मां बाप के साथ आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. 

ट्रैक्टर और ट्रालियों के बीच गद्दा लगाकर 13 साल के गुरूसेवक सिंह फ़ोन पर अपनी ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. आज उन्हें विज्ञान की क्लास में न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण बल पढ़ाया जा रहा है. नारों की आवाज़ के बीच पूरा ध्यान लगाकर फ़ोन पर टीचर की आवाज़ सुन रहे हैं और रजिस्टर पर नोट्स भी बना रहे हैं. गुरूसेवक सिंह पंजाब के तरनतारण के रहने वाले हैं और पिता के साथ यहां पहुंचे हैं.

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7 वीं के छात्र गुरूसेवक सिंह ने कहा, 'यहां हम सुबह रोज़ ऑनलाइन क्लास लेते हैं. मैं अपने पापा के साथ आया हूं. वो किसान हैं मुझे लगता है कि ये कानून ठीक नहीं है, शाम को होमवर्क करता हूं.'

गुरूसेवक ऑनलाइन क्लस ख़त्म होने के बाद अपने पिता नरप्रीत सिंह के साथ जुलूस में शामिल होते हैं और साथ-साथ नारे भी लगाते हैं. गुरुसेवक के पिता नरप्रीत सिंह अपने बेटे को शहीद भगत सिंह जैसा पढ़ा लिखा क्रांतिकारी बनाना चाहते हैं. नरप्रीत सिंह ने कहा, 'देखिए भगत सिंह बनाएंगे. यहां पढ़ों भी और अपने हक़ के लिए लड़ना भी सीखो.' 

अमृतसर से आए 16 साल के राजविंदर भी ऑनलाइन क्लास में व्यस्त हैं. इस साल दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं हैं तो तैयारी भी मज़बूत करनी है. राजविंदर बताते हैं कि पढ़ने के साथ हक के लिए लड़ना सीखना भी ज़रूरी है. राजविंदर बड़े होकर फ़ौज में भर्ती होना चाहते हैं.

10वीं के छात्र राजविंदर सिंह ने कहा, 'हम सुबह पढ़ते हैं फिर अंदोलन में चले जाते हैं. मैं भाई के साथ आया हूं, मैं फ़ौज में भर्ती होने चाहता हूं.' 

शाम होते-होते कई बच्चे अपनी ट्रालियों में बैठकर होम वर्क करते भी मिल जाएंगे. 10वीं के छात्र गुरविंदर भी होमवर्क करने में जुटे हैं.10वीं के छात्र गुरूविंदर सिंह ने कहा, 'हम पढ़ते हैं वो ज़रूरी है.'

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सोचिए कि ये छोटे बच्चे भी बड़ों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ठंड में लाठी , पानी की बौछार, आंसू गैस गोले झेलते हुए यहां पहुंचे हैं और इतनी ठंड में डटे हैं और पढ़ाई भी कर रहे हैं.