अमरनाथ यात्रा : अब मध्य प्रदेश निवासी श्रद्धालु की मौत, अभी तक कुल 48 तीर्थयात्रियों की मौत

अमरनाथ यात्रा से लौटने के दौरान मध्य प्रदेश निवासी एक श्रद्धालु की मौत हो गयी.

अमरनाथ यात्रा : अब मध्य प्रदेश निवासी श्रद्धालु की मौत, अभी तक कुल 48 तीर्थयात्रियों की मौत

अमरनाथ यात्रा : अब मध्य प्रदेश निवासी श्रद्धालु की मौत (प्रतीकात्मक फोटो)

खास बातें

  • अमरनाथ यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या कुल मिलाकर 48 हुई
  • यात्रा से लौटने के दौरान मध्य प्रदेश निवासी एक श्रद्धालु की मौत
  • व्यक्ति की मौत के कारण की जांच की जा रही है
श्रीनगर:

इस साल 29 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या कुल मिलाकर 48 हो गई है. इस यात्रा से लौटने के दौरान मध्य प्रदेश निवासी एक श्रद्धालु की मौत हो गयी. 48 दिनों तक चलने वाली इस सालाना यात्रा -अमरनाथ गुफा यात्रा- के दौरान हुई इन मौतों की जानकारी अधिकारियों ने दीं.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुफा से दर्शन करके पहलगाम के नुनवान शिविर में लौटने के दौरान पीसू टॉप पर मंगलवार शाम रोमेश्वर पाटीदार की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि व्यक्ति की मौत के कारण की जांच की जा रही है. इसके साथ ही प्राकृतिक कारणों से इस साल मरने वाले यात्रियों की संख्या 20 हो गयी है.

10 जुलाई को आतंकी हमले में 8 यात्रियों की मौत
इसके अलावा आठ यात्रियों की मौत बस पर हुए आतंकवादी हमले में 10 जुलाई को हुई थी. वहीं 20 अन्य श्रद्धालुओं की मौत कई सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. राज्य के राज्यपाल और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष एनएन वोहरा ने अब तक मारे गए या घायल हुए यात्रियों से संबंधित मुद्दों की मंगलवाल को समीक्षा की.

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एसएएसबी के सीईओ उमंग नरूला ने अध्यक्ष को इसकी जानकारी दी कि 19 श्रद्धालुओं की मौत चिकित्सा कारणों से हो गई. वहीं, 20 यात्रियों की मौत दुर्घटनाओं में हुई है. नरूला ने बताया कि आतंकवादी हमलों में मारे गए श्रद्धालुओं के परिजन के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाने का निर्णय किया गया है. उन्होंने बताया कि अध्यक्ष के निर्देश पर किसी भी परिस्थिति में मारे गए श्रद्धालुओं के शवों को हवाई मार्ग से उनके घर तक पहुंचाने का पूरा खर्चा एसएएसबी वहन करता है.



उन्होंने बताया कि अब तक के 37 मामलों में बोर्ड ने मृतक के घर तक शव पहुंचाने के लिए एक अटेंडेंट का खर्चा भी उठाया है. अभी तक बोर्ड ने शवों को उनके घर तक पहुंचाने में 14.66 लाख रुपये और अनुग्रह राशि देने में 1.34 करोड़ रुपये खर्च किया है.

इनपुट : भाषा


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