भारी बर्फबारी के बावजूद हर दिन 13 हजार लोग पहुंच रहे हैं माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए

भारी बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बावजूद माता वैष्णो देवी के दर्शन (Vaishno Devi) के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के जोश में कमी नहीं आई है.

भारी बर्फबारी के बावजूद हर दिन 13 हजार लोग पहुंच रहे हैं माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए

माता वैष्णो देवी के दर्शन (Vaishno Devi) के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के जोश में कमी नहीं आई है.

जम्मू:

पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है. तमाम शहरों में बर्फ की सफेद चादरें बिछ गई हैं. हालांकि भारी बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बावजूद माता वैष्णो देवी के दर्शन (Vaishno Devi) के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के जोश में कमी नहीं आई है. बर्फबारी और सर्दी के बावजूद माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हर दिन करीब 13 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक श्राइन बोर्ड ने अभी तक प्राकृतिक गुफा मार्ग को नहीं खोला है, जिसे सामान्य तौर पर जनवरी के मध्य तक तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिया जाता है. इस दौरान प्रतिदिन दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब 7000 हो जाती है. श्री माता वैष्णो देवी ( Mata Vaishno Devi) श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप सिंह ने कहा कि,‘बर्फबारी और कड़ाके की सर्दी के बावजूद मंदिर में रोजाना 12 से 13 हजार लोग दर्शन के लिए आते हैं'. सोमवार को मकर संक्रांति पर दर्शन के लिए प्राकृतिक गुफा मार्ग को नहीं खोला गया, क्योंकि तीर्थयात्रियों की संख्या ज्यादा है. हालांकि अगले सप्ताह तक प्राकृतिक गुफा मार्ग को खोला जा सकता है. 

अब वैष्णो देवी से भैरो मंदिर तक रोप-वे के जरिये सिर्फ 3 मिनट में पहुंच सकेंगे, जानें- कितना होगा शुल्क

आपको बता दें कि पिछले दिनों माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) में भवन-भैरों यात्री रोप-वे सेवा का उद्घाटन भी किया गया था. 85 करोड़ रूपए की लागत वाली इस सेवा से प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर के तीर्थयात्रियों को सहूलियत होगी. रोपवे की सुविधा शुरू होने से भवन और भैरों मंदिर के बीच यात्रा का समय एक घंटा से घटकर सिर्फ तीन मिनट रह गया है. रोप-वे के टिकट की कीमत 100 रुपये प्रति यात्री है. राज्यपाल ने इस मेगा परियोजना को वास्तविकता में बदलने वाले अधिकारियों की इंजीनियरों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने परियोजना के सुरक्षा पहलु का जिक्र करते हुए कहा कि बचाव और राहत तैयारियां अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए. प्रवक्ता के अनुसार रोपवे की क्षमता 800 यात्री प्रति घंटा है. रोपवे के कैबिन और कई उपकरण स्विट्जरलैंड से आयात किए गए हैं. (इनपुट- भाषा से भी)

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