अमित शाह ने कहा, राम मंदिर पर रुख साफ करें राहुल गांधी, कांग्रेस बोली, मंथरा की भूमिका निभा रही है बीजेपी

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी मंदिरों में घूम रहे हैं, खुद को जनेऊधारी हिंदू बता रहे हैं, दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता रामजन्म भूमि केस में देरी करा रहे हैं.

अमित शाह ने कहा, राम मंदिर पर रुख साफ करें राहुल गांधी, कांग्रेस बोली, मंथरा की भूमिका निभा रही है बीजेपी

अमित शाह ने कहा, कपिल सिब्बल के रुख पर जवाब दें राहुल गांधी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के चुनाव के बाद इस मामले की सुनवाई की मांग ठुकराई
  • कांग्रेस साफ करे कि वो जल्द सुनवाई के पक्ष में हैं या नहीं : अमित शाह
  • बीजेपी एक बार फिर राम के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश में : कांग्रेस
नई दिल्ली / अहमदाबाद:

राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी से अंतिम सुनवाई होगी, लेकिन ये मामला गुजरात चुनाव तक पंहुच गया है. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल के रुख को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी से जवाब मांगा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी मंदिरों में घूम रहे हैं, खुद को जनेऊधारी हिंदू बता रहे हैं, दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता राम जन्मभूमि मामले में देरी करा रहे हैं. इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी राम मंदिर बनाना ही नहीं चाहती है. मामला अदालत में है, इसलिए इसे बाहर उठाना नहीं चाहिए. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, बीजेपी एक बार फिर राम के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश में है. बीजेपी नहीं चाहती है कि राम का वनवास कभी खत्म हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस पूरे प्रकरण में मंथरा की भूमिका रही है.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने मांग की कि इस सुनवाई को 2019 के आम चुनाव तक टाला जाए, क्योंकि राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के घोषणापत्र में है. सिब्बल ने कहा कि इस मामले की जल्द सुनवाई की क्या जरूरत है? अभी तक सारी कागजी कार्रवाई तक पूरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2014 के चुनाव एजेंडे में कहा कि वो कानूनी रूप से राम मंदिर बनवाएगी. कोर्ट के फैसले का देश की राजनीति और भविष्य पर व्यापक असर होगा, इसलिए ये सुनवाई आम चुनाव के बाद जुलाई 2019 में हो. अन्य मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया मामले की सुनवाई 5 या 7 जजों से कराई जाए.

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वहीं सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हमें इससे फर्क नहीं पड़ता कि कोर्ट के बाहर क्या चल रहा है. कोर्ट की नजर में ये एक जमीनी विवाद का केस है. अगस्त में पक्षकार जनवरी में सुनवाई की मांग रहे थे, अब जुलाई 2019 कह रहे हैं. ये सुनकर हम हैरान हैं और हमें धक्का लगा है.

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वहीं, बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्ह राव ने कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाकर 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद करने का आग्रह करके सिब्बल ने इस कानूनी विवाद का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कपिल सिब्बल द्वारा व्यक्त विचार उनका अपना था या सुन्नी वक्फ बोर्ड का? उन्होंने कहा कि इस उलझे मामले का जल्द समाधान निकालने का प्रयास करने की बजाए कांग्रेस इसे अनिश्चितता की ओर ढकेलने का प्रयास कर रही है.

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