क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने का फैसला सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण : अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि इस कदम से पिछड़े समाज के एक बहुत बड़े भाग को आरक्षण और अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.

क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने का फैसला सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण : अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ओबीसी की श्रेणी में क्रीमी लेयर की सीमा को सालाना 6 लाख रुपये से 8 लाख रुपये करने के मोदी सरकार के फैसले को पिछड़े वर्गों को आरक्षण और अन्य योजनाओं से मिलने वाले लाभों को न्यायसंगत करने की दिशा में सार्थक पहल बताया है. उन्होंने कहा कि इस कदम से पिछड़े समाज के एक बहुत बड़े भाग को आरक्षण और अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत एक आयोग की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी. यह आयोग अपनी रिपोर्ट 12 सप्ताह के अंदर देगा. इस आयोग की सिफारिशों के आधार पर पिछड़े वर्गों के अंदर उपवर्गों को भी बनाया जाएगा.

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अमित शाह ने कहा कि इस प्रावधान से ओबीसी में जिन जातियों को आर्थिक पिछड़ेपन की वजह से आरक्षण और अन्य सुविधाओं की अधिक आवश्यकता है, उन्हें प्राथमिकता दी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह कदम बीजेपी और उसकी सरकारों की पिछड़े और सामाजिक वर्गों के संपूर्ण विकास के प्रति संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. शाह ने विपक्षी कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मोदी सरकार ने इन्हीं प्रयासों के तहत पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का ऐतिहासिक काम किया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी के विपरीत रुख के कारण इससे संबंधित संवैधानिक संशोधन नहीं हो सका.

VIDEO: ओबीसी की क्रीमी लेयर 6 से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की गई उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि मोदी सरकार शीघ्र ही इस कानून को संसद में पारित कराकर पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाएगी, जिससे पंक्ति में सबसे पीछे खड़े पिछड़ी जातियों के व्यक्ति का विकास हो सके.'


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