यह ख़बर 02 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कमज़ोर लोकपाल विधेयक पेश न होने दें : हजारे

खास बातें

  • लोकपाल के मुद्दे पर अपने आंदोलन को तेज करने के लिए हज़ारे ने 22 सदस्यीय कोर समिति का भी गठन कर दिया है।
नई दिल्ली:

सरकार जहां चार अगस्त को लोकसभा में लोकपाल विधेयक पेश करने वाली है, वहीं गांधीवादी अन्ना हज़ारे ने इस विधेयक को कमज़ोर और गरीब विरोधी करार देते हुए इसे पेश नहीं होने देने की सांसदों से अपील की। लोकपाल के मुद्दे पर अपने आंदोलन को तेज करने के लिए हज़ारे ने 22 सदस्यीय कोर समिति का भी गठन कर दिया है। हजारे ने सभी सांसदों को लिखे खुले पत्र में कहा, इतना कमज़ोर विधेयक लाना संसद और सांसदों, दोनों का अपमान है। इसमें ऐसे बहुत से मुद्दे मौजूद ही नहीं हैं, जिन पर संसद में बहस होनी चाहिए। गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि वह देश के गरीब लोगों के हितों की रक्षा के लिये लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, लेकिन अब मुझे अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जिस लोकपाल मसौदा विधेयक को मंजूरी दी, उसमें आम आदमी को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने वाले अधिकतर मुद्दे नजरअंदाज कर दिए गए। सरकार ने जो लोकपाल मसौदा विधेयक तैयार किया है, उसमें गरीब आदमी को भ्रष्टाचार से राहत दिलाने की कोई व्यवस्था नहीं है। हज़ारे ने कहा, अगर सरकार इस बारे में ध्यान नहीं देती है तो मैं 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन का ऐलान कर चुका हूं। मेरा यह अनशन संसद के विरोध में नहीं, बल्कि सरकार के कमजोर विधेयक के खिलाफ होगा। उन्होंने सांसदों से कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि देश की संसद अपनी परंपरा और दायित्वों का निर्वाह करते हुए ऐसे गरीब विरोधी विधेयक को पेश होने से रोकेगी।


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