यह ख़बर 20 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'खजाने' को 'पहरेदारों' से है खतरा : अन्ना

खास बातें

  • अन्ना ने कहा, 26 जनवरी, 1950 को गणराज्य तो बना, लेकिन देश की जनता नहीं जागी थी। अब जनता जाग गई है और हम सही आजादी लेकर रहेंगे।
New Delhi:

अन्ना हजारे के अनशन का आज पांचवां दिन है। अपने अनशन के 5वें दिन रामलीला मैदान में समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि उनका वजन साढ़े तीन किलो कम हो चुका है, लेकिन वह  रुकने वाले नहीं है। उन्होंने फिर कहा कि जन लोकपाल बिल को मुकाम तक पहुंचा कर ही दम लेंगे। अन्ना ने कहा कि देश के खजाने को चोरों से नहीं, बल्कि इसके पहरेदारों से भी खतरा है। रामलीला मैदान में अपने समर्थकों से हजारे ने कहा, 26 जनवरी, 1950 को गणराज्य तो बना, लेकिन देश की जनता नहीं जागी थी। अब जनता जाग गई है और हम सही आजादी लेकर रहेंगे। गौरतलब है कि हजारे ने अनशन की शुरुआत 16 अगस्त को की थी। 67 घंटों का अनशन उन्होंने तिहाड़ जेल में किया था और शुक्रवार दोपहर से वह रामलीला मैदान में अनशन कर रहे हैं। जन लोकपाल विधेयक को पारित करने के लिए सरकार को 30 अगस्त तक का अंतिम समय दे चुके हजारे ने कहा कि लोकपाल का मुद्दा एक पड़ाव है और यह लड़ाई जारी रहेगी। नाकाबिल उम्मीदवारों को चुनाव में खारिज करने के पक्ष में और कृषि भूमि के सरकारी अधिग्रहण के खिलाफ हमें अगली लड़ाई लड़नी है। उन्होंने कहा कि यह सरकार भी भ्रष्टाचार के कुचक्र में फंस चुकी है। हमें इस कुचक्र को तोड़ना है। गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि सरकारी खजाने को चोरों से नहीं, उसी के पहरेदारों से खतरा है और देश को दुश्मनों से नहीं भ्रष्ट गद्दारों से खतरा है। उन्होंने कहा कि अनशन के पांचवें दिन युवाओं को देखकर उन्हें ऊर्जा मिल रही है और वह 8-10 दिन और अनशन कर सकते हैं। अन्ना हजारे के बाद प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि देश के किसानों को भूमि अधिग्रहण नहीं भूमि अधिकार चाहिए और अगला आंदोलन इसी मुद्दे पर होना चाहिए। इससे पहले, टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार जब चाहे, अन्ना बातचीत के लिए तैयार हैं। तीन दिन अन्ना का अनशन तिहाड़ जेल में चला और शुक्रवार यानी चौथे दिन दोपहर अन्ना रामलीला मैदान में पहुंचे। अन्ना के यहां पहुंचने के बाद से ही उनके समर्थकों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। हालांकि शुक्रवार शाम से रुक−रुक कर हुई बारिश कई बार बाधा बनी, लेकिन समर्थकों का उत्साह कम नहीं हुआ। पूरी रात रामलीला मैदान देशभक्ति गानों की गूंज से गरमाता रहा। अन्ना के अनशन के अगले तीन दिन बेहद अहम हैं। अगले तीन दिन छुट्टी के हैं और ऐसे में रामलीला मैदान में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। जितनी भीड़ शुक्रवार दिन में थी उससे ज्यादा भीड़ रात में देखने को मिली। जनलोकपाल पर गंभीर बातें तो हुईं ही, वहीं वहां मौजूद हजारों लोग देशभक्ति गानों पर झूम रहे थे। बीच में रुक-रुक कर बारिश भी होती रही, लेकिन लोग डटे रहे। भीड़ बढ़ती रही, बारिश के बावजूद लोगों का जोश ठंडा नहीं हुआ। अन्ना ने फिर कहा कि उन्हें युवाओं से उम्मीद है, देश जागरूक हो चुका है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल भी बोले। केजरीवाल ने केंद्र सरकार को बहरी सरकार बताया। प्रशांत भूषण ने लोकपाल के मुद्दे पर जनमत संग्रह की बात कही। ये अनशन कब तक चलेगा? कब तक अन्ना का शरीर उनके इरादों का साथ देगा? उनका वजन 4 किलो कम हो चुका है, लेकिन अन्ना बेफिक्र हैं। कहते हैं जब वजन 10 किलो कम हो जाए, तब बात करना। लेकिन अब सबकी निगाह दरअसल इसी बात पर है कि क्या अन्ना 15 दिन का अनशन कर पाएंगे। अन्ना का अपना दावा है कि 15 दिन के बाद एक हफ्ते और वह अनशन पर रह सकते हैं।(इनपुट एजेंसियों से भी)


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