यह ख़बर 17 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना पर पीएम के बयान के बाद विपक्ष का हंगामा

खास बातें

  • आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सदन में अन्ना हजारे प्रकरण पर अपना बयान दिया।
नई दिल्ली:

अन्ना हजारे प्रकरण पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान के बाद लोकसभा में भारी हंगामे की स्थिति देखने को मिली, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सरकार पर आपातकाल जैसी स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री की कुछ टिप्पणियों के बाद शोरशाराबे के कारण सदन की कार्यवाही 25 मिनट के लिए 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सदन में अन्ना हजारे प्रकरण पर अपना बयान दिया। इसके बाद लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, जद यू अध्यक्ष शरद यादव, माकपा के वसुदेव आचार्य ने लोकसभा अध्यक्ष से प्रधानमंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देने की अनुमति देने की मांग की। अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि अगर सभी सदस्य चाहते हैं तो नियम 193 के तहत इस पर ढांचागत चर्चा करा लिया जाए। इस बीच, आडवाणी ने कहा, मैंने कल आपसे निवेदन किया था कि कल की घटना हमारे मन चिंता पैदा करती है। यह 1975 की याद दिलाती है। कल संसदीय कार्य मंत्री ने अध्यक्ष की व्यवस्था को चुनौती देने का काम किया। आपातकाल को छोड़कर ऐसा कभी देखने को नहीं मिला जब अध्यक्ष की व्यवस्था को चुनौती दी गई हो। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में गरमा गरम बहस शुरू हो गई और संसदीय कार्य मंत्री ने कुछ टिप्पणी की। इसका भाजपा सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।


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