यह ख़बर 10 नवंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

क्या चुनाव लड़ने वाले आवाज उठा सकते हैं : अन्ना

खास बातें

  • गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर उनसे सवाल किया है कि क्या सिर्फ चुनाव लड़ने वाले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।
रालेगन सिद्धि:

गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर उनसे सवाल किया है कि क्या सिर्फ चुनाव लड़ने वाले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा, अब यह कहा जा रहा है कि अन्ना को चुनाव लड़ना चाहिए। क्या इसका अर्थ यह है कि जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल रहा है उसे चुनाव लड़ना होगा? यदि ऐसा है तो देश के 120 करोड़ लोगों को चुनाव में खड़ा होना चाहिए, उसके बाद ही वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल सकेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिकों ने चुनाव लड़ा है मगर किसी ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कुछ भी नहीं किया। हजारे ने कहा, पिछले 62 सालों में आपने ऐसा कानून नहीं बनाया जो भ्रष्टाचार से निबट सके। गांधीवादी कार्यकर्ता की यह प्रतिक्रिया चव्हाण के उस बयान पर आयी है जिसमें उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि हजारे के सहयोगी राजनीति में आना चाहते हैं। उन्होंने उनसे खुलकर सामने आने को कहा। चव्हाण ने कहा था, अगर आप राजनीति में हिस्सा लेना चाहते हैं, आप इसमें शामिल हों, राजनीति समृद्ध होगी। अब यह स्पष्ट है कि उनके सहयोगी राजनीति में आना चाहते हैं। उन्होंने कहा था, उन्हें एक स्पष्ट रूख अपनाना चाहिए या तो वह चुनाव लड़ें या किसी का समर्थन करें। लेकिन नाकारात्मक रूख अपनाने का कोई अर्थ नहीं है कि अगर विधेयक (जनलोकपाल) पारित नहीं हुआ तो हम विरोध करेंगे (कांग्रेस का विरोध करंगे)।


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